published by saurabh
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नयी दिल्ली,(वार्ता): भारतीय पुरुष जूनियर हॉकी टीम के गोलकीपर प्रशांत कुमार चौहान का कहना है कि सीनियर टीम के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने भारतीय गोलकीपरों के लिए ऐसा ऊंचा मापदंड स्थापित किया है जहां तक पहुंचना किसी भी गोलकीपर के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। 19 वर्षीय गोलकीपर 2018 में तीसरे युवा ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे थे। इसके अलावा वह 2019 में हुए सुल्तान जोहोर कप में भी टीम में शामिल थे। प्रशांत ने कहा, “हम काफी भाग्यशाली हैं जो श्रीजेश को इतने वर्षों में एक बेहतरीन गोलकीपर के रुप में उभरते हुए देख रहे हैं। जिस तरह वह महत्वपूर्ण मुकाबलों में जागरुक रहते हैं वो काफी बेहतरीन है और यह ऐसी चीज है जिसका मैं अनुसरण करना चाहता हूं।” उन्होंने कहा, “श्रीजेश ने इस साल एफआईएच हॉकी प्रो लीग में हॉलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पेनल्टी शूट आउट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। जिस तरह उन्होंने पेनल्टी शूटआउट में गोल होने से रोका वो देखना काफी सुखद था। उन्होंने भारतीय युवा गोलकीपरों के लिए ऐसा ऊंचा मापदंड स्थापित किया है जिसे हासिल करना काफी चुनौतीपूर्ण है।” प्रशांत ने कहा, “2018 से लगातार भारतीय जूनियर हॉकी टीम का सदस्य रहना काफी अच्छा है।
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मुझे लगता है कि मैंने उच्च स्तर पर सफल होने के लिए काफी महत्वपूर्ण चीजें सीखी हैं। मैं बड़े मुकाबलों में दबाव का आनंद लेता हूं।” उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि किसी युवा खिलाड़ी के लिए खुद को टेस्ट करने के लिए जूनियर सर्किट सबसे सही प्लेटफॉर्म है। मुझे उम्मीद है कि मैं भविष्य में और भी मुकाबले खेलूंगा और मुझे भारतीय जूनियर टीम की जीत में योगदान देकर अच्छा लगेगा।” अपने भविष्य के लक्ष्य को लेकर युवा गोलकीपर ने कहा कि भारतीय सीनियर टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करने से बड़ा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा, “भारतीय सीनियर हॉकी टीम के लिए खेलना मेरा एकमात्र उद्देश्य है और मेरा लक्ष्य सिर्फ सीनियर टीम में खेलना ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय सर्किट में लंबा करियर बनाना भी है।” प्रशांत ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मैं एक दिन सीनियर टीम में गोलकीपर के लिए पहली पंसद बनूंगा। मेरा सपना है कि मैं ओलंपिक जैसे खेल महाकुंभ में भारतीय टीम की जीत में अपना योगदान दूं। मैं लगातार अपने खेल में सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूूं और मुझे यकीन है मुझे एक दिन जरुर अवसर मिलेगा।”
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