published by saurabh
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नयी दिल्ली,(वार्ता): राजधानी दिल्ली के प्रसिद्ध ओम नाथ सूद मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट (1988- 2019) का सफर आधी मैटिंग से शुरू होकर अंतर्राष्ट्रीय भारतीय खिलाड़ियों की मौजूदगी तक पहुंचा। हालांकि इस साल कोरोना वायरस के चलते इस टूर्नामेंट का 30वां संस्करण अभी तक आयोजित नहीं हो पाया है। टूर्नामेंट के आयोजक प्रमोद सूद ने बताया कि 30वां अखिल भारतीय ओम नाथ सूद मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट 29 मार्च से राष्ट्रीय स्वाभिमान खेल परिसर, पीतम पुरा में शुरु होना था, लेकिन कोरोना के कारण यह शुरु न हो सका। प्रमोद सूद को अब भी उम्मीद है कि यदि हालात ठीक होते हैं तो वह आगे चलकर इस साल टूर्नामेंट का आयोजन कर पाएंगे। यह टूर्नामेंट 1988 से रानी बाग़ के रेलवे मैदान से आधी मैटिंग से शुरु हुआ था जिसे गोस्वामी गणेश दत्त क्रिकेट क्लब ने चार विकेट से जीता था। इसके बाद किसी कारणवश 1990,1991 और 1992 (तीन वर्षों ) तक यह टूर्नामेंट न हो सका। 1993 से फिर से इस टूर्नामेंट की शुरुआत हुई। सूद ने बताया कि लगभग 32 वर्षों के इस लम्बे सफर में (उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक) कुल 605 मैच खेले गए, इसमें कुल दो लाख 33 हजार 884 रन बने, कुल 9244 खिलाड़ी आउट हुए, 42706 ओवर्स फेंके गए, 20290 चौके और 3762 छक्के लगे। इस दौरान 150 शतक और 953 अर्धशतक बने। इसके अतिरिक्त चार खिलाड़ी 99 रन पर और 41 खिलाड़ी नर्वस नाइंटीज के शिकार हुए जबकि 36 खिलाड़ी 49 के स्कोर पर आउट हुए। टूर्नामेंट में 1138 खिलाड़ी अपना खाता भी नहीं खोल पाए।
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प्रमोद सूद ने बताया कि भारतीय टीम में खेलने वाले 53 खिलाड़ियों ने इस टूर्नामेंट में भाग लिया। इस दौरान भारतीय टीम का नेतृत्व करने वाले विराट कोहली और भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले विरेन्द्र सहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, शिखर धवन, आशीष नेहरा, अमित मिश्रा, इशांत शर्मा, विजय दहिया आकाश चोपड़ा, मनोज प्रभाकर, जोगिंदर शर्मा, मोहम्मद कैफ, अजय रात्रा, राहुल सांघवी, सरनजीत सिंह, शांतकुमारन श्रीसंत , मुनाफ पटेल, यजुवेंद्र चहल, ऋषभ पंत आदि खिलाडियों ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भाग लिया। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कुल 605 मैचों में आईसीसी अंपायर के हरिहरन, शाहवीर तारापोर, अनिल चौधरी, विरेन्द्र शर्मा, अंतरराष्ट्रीय अंपायर देश राज, देवेन्द्र शर्मा, बी एस पी राव, विजय चोपड़ा, ओ कृष्णा, राजन सेठ सहित कुल 80 अंपायरों ने अंपायर की भूमिका निभाई जबकि एन के लखोटिया, जतिन सूद, एजाज अहमद, ईश्वर रावत, भागवत रावत, के के तिवारी (उपरोक्त बीसीसीआई स्कोरर) सहित कुल 37 स्कोरर ने स्कोरिंग की। बीसीसीआई अंपायर धर्मेश भारद्वाज ने सर्वाधिक 90 मैचों में, अन्तर्राष्ट्रीय अंपायर देवेन्द्र शर्मा ने 84 मैचों में और बीसीसीआई लेवल -1 अंपायर जतिन सूद ने 80 मैचों में अम्पायर की भूमिका निभाई। सुजीत शर्मा ने 128 और सतीश शर्मा ने 69 मैचों में स्कोरर की भूमिका अदा की। यह टूर्नामेंट फिरोज शाह कोटला स्टेडियम (अब अरुण जेटली स्टेडियम), करनैल सिंह स्टेडियम (रेलवे स्टेडियम), मोहन मीकिंस स्टेडियम (मोहन नगर, गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश), खालसा कॉलेज, हिन्दू कॉलेज, राष्ट्रीय स्वाभिमान खेल परिसर, वायु सेना मैदान (पालम) सहित कुल 17 मैदानों में आयोजित किया गया। सबसे अधिक 140 मैच राष्ट्रीय स्वाभिमान खेल परिसर मैदान पर आयोजित किए गए। रोहतक रोड जिमखाना ने सर्वाधिक 25 टूर्नामेंटों में भाग लिया। ओएनजीसी की टीम ने 22 टूर्नामेंटों में भाग लेकर 46 मैचों में जीत हासिल की जबकि 16 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान ओएनजीसी की टीम छह बार विजेता और छह बार उप विजेता रही। इसी टीम के राधे श्याम गुप्ता ने 45 मैचों की 35 पारियों में सर्वाधिक 1515 रन बनाये और सोहेल शर्मा ने सर्वाधिक 65 विकेट लिए।
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