published by saurabh
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नयी दिल्ली (वार्ता): नगर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस साल दिसंबर तक अपनी सभी सेवाओं को ऑनलाइन करने की योजना बनाई है जिसके तहत पायलटों को स्मार्ट कार्ड वाले लाइसेंस जारी किये जायेंगे। डीजीसीए के अधिकारियों ने बताया कि अब तक पायलटों को बुकलेट वाले लाइसेंस जारी किये जाते हैं। अब इसकी जगह स्मार्ट कार्ड वाले लाइसेंस जारी किये जायेंगे। इस स्मार्ट कार्ड में उनके उड़ान करियर के बारे में पूरी जानकारी होगी। कार्ड पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर प्राधिकृत एजेंसी यह पता लगा सकेगा कि पायलट का कुल अनुभव कितना है, उसने किस-किस तरह के विमानों पर उड़ान भरी है और इसमें कितने घंटे वह मुख्य पायलट की भूमिका में तथा कितना घंटे सह-पायलट की भूमिका में रहा है। उनकी मेडिकल हिस्ट्री भी इस स्मार्ट कार्ड लाइसेंस में होगी। पायलट लाइसेंस के नवीकरण तथा चिकित्सा जाँच के लिए भी ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा।
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चिकित्सा जाँच की रिपोर्ट भी ऑनलाइन ही डीजीसीए के पास पहुँच जायेगी। अब तक डीजीसीए की कारोबारी प्रक्रियाएँ और विमानन क्षेत्र के हितधारकों जैसे विमान सेवा कंपनियों, हवाई अड्डों, विमान निर्माता कंपनियों, प्रशिक्षण संस्थानों आदि को दी जाने वाली सेवाएँ ऑनलाइन नहीं हैं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में नये सिरे से लॉन्च की गई डीजीसीए की वेबसाइट पर दिसंबर से इन सेवाओं को भी लाया जायेगा। इस वेबसाइट पर ऑनलाइन सेवाओं के लिए ईजीसीए के नाम से पोर्टल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि चार चरणों में डीजीसीए की सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इस साल के आखिर तक यह काम पूरा हो जायेगा। विमान अभियंताओं और मरम्मत एवं रखरखाव कंपनियों को दी जाने वाली सेवाएँ भी अब ईजीसीए पोर्टल पर उपलब्ध होंगी। कई प्रकार की मंजूरियाँ जो अभी मैनुअल मिलती हैं, दिसंबर से ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। इस परियोजना के लिए सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की स्वदेशी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को सेवा प्रदाता और प्राइस वाटरहाउस कूपर को परियोजना प्रबंधन सलाहकार बनाया गया है।
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