published by saurabh
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नयी दिल्ली, (वार्ता): उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) को स्थगित करने संबंधी याचिका सोमवार को खारिज कर दी। नीट मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जबकि जेईई इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए आयोजित की जाती है। न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि कोरोना के कारण देश में सब कुछ रोका नहीं जा सकता।
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न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “क्या देश में सब कुछ रोक दिया जाये? (बच्चों का) एक कीमती साल को यूं ही बर्बाद हो जाने दिया जाये?” खंडपीठ ने कहा कि उसने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों को रिकॉर्ड में लिया है कि जेईई और नीट परीक्षाएं पर्याप्त सावधानियों के साथ आयोजित की जायेंगी। कोविड-19 महामारी के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सिंतबर में प्रस्तावित जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षाओं को टालने की मांग की गई थी। ग्यारह राज्यों के 11 छात्रों ने देश में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 महामारी के मामलों की संख्या के मद्देनजर जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षाएं स्थगित करने के अनुरोध के साथ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
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