published by saurabh
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नयी दिल्ली(वार्ता): रबर उद्योग में कौशल विकास की दिशा में कार्यरत रबर स्किल डेवलपमेंट काउंसिल (आरएसडीसी) ने देश में टायर मैकेनिकों के कौशल विकास के लिए ब्रिजस्टोन के साथ मिलकर ’टायर केयरवाला’ प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। आरएसडीसी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि इसके अंतर्गत 1000 टायर फिटरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
इस प्रोजेक्ट के पायलट फेज में 500 लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है, जिसकी शुरुआत कानपुर से की गई है। टायर रिपेयर, टायर की माउंटिंग तथा डीमाउंटिंग और सड़क सुरक्षा में कॉमर्शियल टायर मैकेनिकों की अहम भूमिका होती है। ये लोग केवल टायर रिपेयर ही नहीं करते हैं, बल्कि ट्रांसपोर्टरों को टायर की देखभाल और टायर के टिकाऊपन के लिए जरूरी सावधानियों आदि के बारे में अहम सुझाव भी देते हैं। दुर्भाग्य से टायर फिटरों के लिए विधिवत प्रशिक्षण का कोई माध्यम नहीं है।
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‘टायर केयरवाला’ का उद्देश्य टायर फिटरों में कुशलता की इस कमी को पूरा करना है। टायर फिटर को प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षा के पहलुओं, तकनीकी पक्ष, काम के सही तरीके तथा इसी तरह की अन्य जरूरी बातों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत छह राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात एवं मध्य प्रदेश में कॉमर्शियल टायर मैकेनिकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस मौके पर आरएसडीसी की सीओओ शिवानी नागपाल ने कहा कि प्रोजेक्ट सामर्थ के तहत हजारों टायर फिटराें को प्रशिक्षित करने के बाद अब हमें भारत में और भी टायर फिटरों को प्रशिक्षित करने की दिशा में ब्रिजस्टोन से गठजोड़ करने की खुशी है। इन टायर मैकेनिक को पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा और उसके बाद उन्हें प्रमाणपत्र मिलेगा।
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