रेलवे की प्रगति के लिए 20 लाख करोड़ रु. जुटाना है : राजीव कुमार

उत्तर प्रदेश न्यूज़ राष्ट्रीय

published by saurabh

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खुर्जा (ST News): नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि सरकार का उद्देश्य रेलवे का निजीकरण करना नहीं है, वरन 20 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त करना है जिसके लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी एवं निवेश को बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। श्री कुमार ने बुधवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव अन्य रेलवे अधिकारियों की मौजूदगी में भारतीय रेलवे के पूर्वी समर्पित मालवहन गलियारे (डीएफसी) के खुर्जा दादरी खंड के निरीक्षण के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि यह कहना गलत है कि रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है अथवा किसी विचारधारा के कारण निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे को निवेश की जरूरत है। उसके बिना रेलवे की प्रगति नहीं हो सकती है। हमारा रेलवे में 20 लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। इसे पूरा करने के लिए हमें अपने संसाधनों का इस्तेमाल करना होगा।नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने एनटीसी मशीनों से स्वचालित ढंग से रेल पटरियों को बिछाने की प्रक्रिया का अवलोकन किया। श्री कुमार ने सप्ताह के सातों दिन चौबीसों घंटे द्रुतगति से हो रहे डीएफसी के निर्माण की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि देश की आर्थिक प्रगति में डीएफसी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। देश में काेरोना काल के आर्थिक प्रभाव के बारे में पूछने पर श्री कुमार ने कहा कि सरकार कोरोना के काल में भी तेजी से काम कर रही है। देश कोरोना की चुनौती से आगे निकलेगा। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री यादव ने भी एक सवाल के जवाब में कहा कि निजी क्षेत्र द्वारा डीएफसी में भी निजी क्षेत्र को मालगाड़ियां चलाने की छूट दी जाएगी। इसके लिए कारोबार जगत से बातचीत शुरू हो गयी है।

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उनसे पूछा गया था कि जिस प्रकार से यात्री गाड़ियों के परिचालन को निजी क्षेत्र के लिए खोला गया है, क्या उसी तरह निजी क्षेत्र को मालगाड़ियों के भी परिचालन का मौका मिलेगा। श्री यादव ने कहा कि कोरोना के कारण डीएफसी के काम पर असर पड़ा है लेकिन दिसंबर 2021 तक (पूर्वी डीएफसी के सोननगर-दानकुनी खंड को छोड़कर) समूचा डीएफसी पूरा बनकर तैयार हो जाएगा। इस मौके पर भारतीय डीएफसी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान और उत्तर रेलवे एवं उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी भी मौजूद थे। पूर्वी एवं पश्चिमी डीएफसी के 3360 किलोमीटर लंबे मार्ग पर मालगाड़ियों को 25 टन एक्सेल लोड के साथ 100 किलाेमीटर प्रतिघंटा की गति से चलाया जाएगा। इससे मालगाड़ियाें की औसत गति करीब 75 किलाेमीटर प्रतिघंटा तक हो जाएगी। पश्चिमी डीएफसी पर डबल स्टेक कंटेनर वाली गाड़ियां चलायीं जाएंगी। लाॅन्ग हॉल गाड़ियों के संचालन से पश्चिमी डीएफसी में एक मालगाड़ी से सामान्य ट्रैक पर चलने वाली मालगाड़ी की तुलना में चार गुना तक माल ढोया जा सकेगा और गाड़ी आधे से भी कम समय में पहुंच सकेगी। इस प्रकार से मालवहन की लागत में बहुत कमी आएगी। दोनों डीएफसी को क्रमश: दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरीडोर तथा अमृतसर -कोलकाता औद्याेगिक कॉरीडोर के साथ जोड़ जा रहा है।

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