published by saurabh
इसे भी देंखें– https://www.youtube.com/watch?v=ta5scYWKE4o&t=263s
नयी दिल्ली,(वार्ता): शिरोमणि अकाली दल, दिल्ली (शिअदद) ने केंद्र सरकार से पंजाबी को जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा में शामिल करने की अपील की है। शिअदद के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का जम्मू-कश्मीर सरकार को आदेश देने का अाग्रह किया है। श्री सरना ने बताया कि पंजाबियत और जम्मू-कश्मीर का पुराना इतिहास रहा है। पंजाबी का इतिहास और संस्कृति जम्मू-कश्मीर से जुड़ी हुई है।
यह भी पढ़ें- https://sindhutimes.in/human-face-of-police-came-to-the-public-during-corona-modi/
श्री सरना ने बताया कि आज कश्मीर भारत का हिस्सा सिर्फ इसलिए है, क्योंकि 1947 में वीर जवान जनरल कुलवंत सिंह ने इसे पाकिस्तानी कबायलियों से बचाया था। जम्मू,कश्मीर और लद्दाख तीनों क्षेत्र महाराजा राणा रणजीत सिंह के शासन काल में 1839 तक आगे बढ़े। कश्मीरियत और पंजाबियत का कभी अलग न होने वाला नाता है। पंजाबी भाषा का जम्मू-कश्मीर के इतिहास में खास स्थान है। इसे साथ लेकर चलने की जरूरत है।
कृषि से संबन्धित समाचारों के लिए लागइन करें–http://ratnashikhatimes.com/