published by saurabh
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लखनऊ(ST News): उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव पर आक्रोश व्यक्त करते हुये बिजली कर्मचारियों ने 18 अगस्त को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने सोमवार को बताया कि समिति के आह्वान पर बिजली कर्मचारियों , जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने प्रदेश भर में सभाएं कर चेतावनी दी कि बिजली के निजीकरण के विरोध में आगामी 18 अगस्त को प्रान्तव्यापी विरोध प्रदर्शन एवं सभायें की जाएंगी । उन्होने बताया कि संघर्ष समिति की सभाओं में चेतावनी दी गयी कि यदि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस न लिया गया तो प्रदेश के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियन्ता प्रान्तव्यापी आन्दोलन शुरू करने के लिये बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबन्धन व सरकार की होगी।
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श्री दुबे ने बताया कि बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स ने निर्णय लिया है कि केन्द्र व राज्य सरकारों की ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की नीति के विरोध में 18 अगस्त को देश के तमाम बिजली कर्मचारी देश भर में विरोध प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे। इसी निर्णय के अनुसार देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मी भी 18 अगस्त को प्रांत भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे | बिजली कर्मचारियों की मुख्य मांग इलेक्ट्रीसिटी(अमेण्डमेंट) बिल 2020 वापस लेना, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेना तथा केन्द्र शासित प्रदेशों एवं उड़ीसा के बिजली निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त करना है।
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