Published by Aprajita
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अजमेर; राजस्थान में अजमेर में हजरत पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्मोत्सव मुस्लिम समाज कल मुस्लिम कलैण्डर के नये हिजरी संवत 1442 के तीसरे महीने रविउल्ल अव्वल की 12 यानी 30 अक्टूबर को शानोशौकत से मनाएगा ।राजस्थान में ख्वाजा की नगरी अजमेर स्थित दरगाह शरीफ को इस खास मौके पर दुल्हन की तरह सजाया गया है। हर साल की तरह दरगाह परिसर को रंग बिरंगे बल्बों, झालरों एवं फर्रियों से सजाया गया है ।उधर ईद मिलादुन्नबी (बारहबफात) के मौके पर कोरोना के चलते जहां जुलूस नहीं निकाला जायेगा, वहीं कोई बड़ा आयोजन भी नहीं होगा।
अलबत्ता, सभी धार्मिक रस्मों को अंजाम दिया जायेगा ।कोरोना वैश्विक महामारी के कारण सरकारी प्रतिबंधों के बावजूद मुस्लिम समाज में पैगम्बर साहब के जन्मोत्सव को लेकर उत्साह में कमी नहीं है। अजमेर में दरगाह क्षेत्र में रौनक एवं उत्साह है। सार्वजनिक कार्यक्रम न होने के चलते मुसलमान घरों ही मिलाद एवं सलातों सलाम पेश करके दुआ करेंगे। खादिम समुदाय दरगाह शरीफ में ‘हदीस’ का बयान करेंगे। हजरत पैगम्बर मोहम्मद साहब ने विश्व की मानव जाति के लिये जो उपदेश दिये , उसे हदीस कहा जाता है ।दरगाह स्थित अंजुमन सैयदजादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा ने बताया कि ईदमिलादुन्नबी की पुरानी शुरुआत अजमेर से ही हुई क्योंकि ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती स्वयं पैगम्बर साहब के वंश से ही थे । उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते लंगर एवं जुलूस का आयोजन नहीं होगा ।