मध्य प्रदेश : शिवराज बोले, अपराधियों में खौफ जरूरी, सख्ती से निपटे पुलिस

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Published by Ujagar

भोपाल (वार्ता) । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अपराधियों में खौफ होना जरूरी है। उनसे सख्ती से निपटा जाये, किसी प्रकार की रियायत नहीं बरती जाये। प्रदेश में अपराधी तत्वों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान को निरंतर जारी रखें। इस अभियान को प्रशासन और पुलिस संयुक्त रूप से गति दें।

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आधिकारिक जानकारी में श्री चौहान आज अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश की कानून-व्यवस्था एवं कोरोना नियंत्रण की व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मो. सुलेमान भी अपने-अपने कार्यालय से शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिये जरूरी है कि इसे जन-आंदोलन का रूप दिया जाये। इसमें शासन-प्रशासन के साथ ही सभी आमजन, समाज और स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाये। साथ ही नागरिकों को जागरूक करने के लिये विभिन्न समुदायों के संत और समाज के प्रमुख लोगों से अपील करवायें। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग आवश्यक है। लोग इसे अपनायें और जो लोग गाइड-लाइन का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्ती से पेश आयें।

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उन्होंने कहा कि कोरोना की टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाई जाये। रिकवरी की दिशा में बढ़ते कदम की आशा को तोड़ना नहीं है, विश्वास में बदलना है।
मुख्यमंत्री ने सागर, दमोह और टीकमगढ़ में कोरोना मरीजों के उपचार के लिये किये गये प्रबंधों की समीक्षा की। उन्होंने सागर मेडिकल कॉलेज में उपचार संबंधी व्यवस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि व्यवस्थाएँ बेहतर नहीं हो पा रही हैं। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा द्वारा मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन को ही पुन: व्यवस्थाएँ सौंपे जाने का प्रस्ताव रखा गया।
श्री चौहान ने सहमति व्यक्त करते हुए निर्णय लेने के निर्देश चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सभी जेलों में ध्यान देने की जरूरत है। कैदी की रिहाई के पहले उसकी टेस्टिंग अवश्य करें, उसके बाद ही उसे घर भेजें। मंत्री डॉ मिश्रा ने बताया कि कैदियों को कोरोना टेस्टिंग के बाद ही जेल में रखा जा रहा है। जेल विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में संयुक्त निर्देश जारी कर दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण-काल में कूलर और ए.सी. का प्रयोग न करें। इसे अपनाने से बचें। कोविड नियंत्रण के लिये हमें अपने और अपने परिवार के लिये यह सुरक्षित उपाय अपनाने होंगे। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जहाँ उपचार ले रहा हूँ, वहाँ कूलर और ए.सी. का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
श्री चौहान ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा में विगत एक सप्ताह में गृह विभाग द्वारा की गई कार्यवाही पर संतोष जताते हुए बेहतर कार्य के लिये विभाग और अधिकारियों को बधाई दी। बैठक में बताया गया कि गत सप्ताह में 332 इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। आगर-मालवा में एक हजार बीघा शासकीय जमीन अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराई गई। पुलिस द्वारा 27 चिटफण्ड कम्पनियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिटफण्ड कम्पनियों से गरीबों को पैसा भी वापस दिलवाना सुनिश्चित किया जाये। इसके लिये अभियान लगातार जारी रखें। कानून-व्यवस्था को बनाये रखते हुए यह भी ध्यान रखें कि नौजवान पीढ़ी नशे की गिरफ्त में न फँसे। गृह मंत्री ने कहा कि चिटफण्ड कम्पनियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है और ऐसा पहली बार हो रहा है कि चिटफण्ड कम्पनियों से पैसा वापस दिलवाये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना की तरह ही राज्य में ग्रामीण पथ-विक्रेताओं को अपने व्यवसाय के लिये 10 हजार ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। ग्रामीण पथ-विक्रेता योजना के अंतर्गत अभी तक 8 लाख 56 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं। उन्होंने योजना को 5 अगस्त से मूर्त रूप देने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना के क्रियान्वयन से अनेक श्रेणियों के पंजीबद्ध हितग्राहियों को कोरोना संक्रमण-काल में राहत महसूस होगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्यमंत्री ने हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मेधावी योजना में लेपटॉप देने की योजना पुन: शुरू की जायेगी। सफल नहीं हुए विद्यार्थी निराश न हों और अवसाद में न जायें, उन्हें ‘रुक जाना नहीं’ योजना के तहत एक मौका और मिलेगा। विद्यार्थी प्रयास करें सफलता अवश्य मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने सागर, टीकमगढ़ और दमोह में कोरोना मरीजों के उपचार के लिये किये गये प्रबंधों की समीक्षा की। उन्होंने सागर मेडिकल कॉलेज में उपचार संबंधी व्यवस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने व्यवस्थाएँ बेहतर किये जाने के निर्देश दिये। गृह मंत्री डॉ मिश्रा द्वारा मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन को ही पुन: व्यवस्थाएँ सौंपे जाने का प्रस्ताव रखा गया। मुख्यमंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए निर्णय लेने के निर्देश चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग को दिये।

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