published by saurabh
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नयी दिल्ली(वार्ता): आत्मनिर्भर भारत पैकेज के घोषित शत प्रतिशत सरकारी गारंटी प्राप्त आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों ने 18 अगस्त तक 1.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के ऋण स्वीकृत किए हैं जिनमें से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। वित्त मंत्रालय ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ईसीएलजीएस का उद्देश्य विभिन्न सेक्टरों, विशेषकर एमएसएमई को ऋण प्रदान करके ‘कोविड-19’ के कारण किए गए लॉकडाउन से उत्पन्न व्यापक संकट को कम करना है।
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‘ईसीएलजीएस’ के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने 76,044.44 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए हैं, जिनमें से 56,483.41 करोड़ रुपये के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। इसी तरह निजी क्षेत्र के बैंकों ने 74,715.02 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 45,762.36 करोड़ रुपये के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत शीर्ष ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड हैं।
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