7वें राउंड की बातचीत से पहले किसानों के सख्त तेवर, टिकैत बोले- …तो लंबा चलेगा आंदोलन

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नई दिल्ली; केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संघों के नेताओं और सरकार के बीच आज अगले दौर की बातचीत होगी। यह दोनों पक्षों के बीच सातवें दौर की वार्ता होगी। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने उम्मीद जताई है कि इस बातचीत से समाधान निकल जाएगा और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जल्द समाप्त होगा।

सरकार लगातार इस बात को कह रही है कि एमएसपी और मंडी प्रणाली बनी रहेगी।सरकार और किसानों के बीच सातवें दौर की वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार बात मान ले, अगर मांगें पूरी नहीं होती तो आंदोलन चलेगा। उन्होंने कहा कि विरोध के दौरान अब तक 60 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। हर 16 घंटे में एक किसान मर रहा है। इसका जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है।

अब तक केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच छह दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि, कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीत जारी गतिरोध अबी तक समाप्त नहीं हो सका है। किसान संगठन सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लगातार निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार का कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे। दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कारपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी।

30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच चार मुद्दों में से दो पर सहमति बन गई थी। दोनों पक्षों में प्रस्तावित बिजली कानून, पराली जलाने से संबंधित मुद्दों पर सहमति बनी। हालांकि, गतिरोध दो मुख्य मांगों पर अभी भी जारी है। वहीं, 2 जनवरी को लगभग 40 किसान संगठनों ने धमकी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो किसान अपने ट्रैक्टर, ट्रॉलियों और अन्य वाहनों के साथ 26 जनवरी को दिल्ली में मार्च करेंगे।

दूसरी तरफ आंदोलन के दौरान सोनीपत के सिंघु और बहादुरगढ़ (झज्जर) के टीकरी बार्डर पर रविवार को चार किसानों की जान चली गई। दोनों धरनास्थल पर दो-दो किसानों की जान गई है। इनमें से दो हरियाणा और दो पंजाब के निवासी थे। सिंघु बार्डर पर जिन दो किसानों की जान गई है, उनमें से एक सोनीपत के गांव गंगाना का 52 वर्षीय कुलबीर था और दूसरा पंजाब के संगरूर के गांव लिद्दड़ान का रहना वाला 45 वर्षीय शमशेर था। इन दोनों की मौत का कारण भी सर्दी से हार्ट अटैक बताया जा रहा है।

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