भारतीय राखी ने चीन के राखी व्यापार को चार हजार करोड़ की लगाई चपत

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published by saurabh

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प्रयागराज,(ST News): कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र गोयल ने दावा किया है कि रक्षाबंधन पर देशी राखियों ने चीन को करीब चार हजार करोड़ रूपये के आयात को आर्थिक चोट पहुंचायी है। श्री गोयल ने आज कहा कि हाल ही में लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के बीच हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद 10 जून से चीनी सामान और उसकी कंपनियों के विरुद्ध कैट ने एक अभियान के तहत चीन से आयात होने वाली तमाम चीजों को प्रतिबंधित किया है। चीन से भारत को निर्यात होने वाली चार हजार करोड़ रूपये के राखी का सौदा रद्द कर पहला आर्थिक झटका दिया है। अध्यक्ष ने कहा कि इस अभियान में प्रयागराज ही नहीं पूरे देश की बहनों ने अपना पूरा सहयोग देकर देश में बांस, बीज और फूलों की राखी तैयार कर चीन को 4000 करोड़ के निर्यात का नुकसान दिया है। उन्होने बताया कि चीन भारत को करीब छह हजार करोड़ रूपये की राखी का निर्यात करता था। उन्होने बताया कि दो करोड़ का आर्डर ही नहीं दिया जबकि ड़ेढ से दो करोड़ रूपये का आर्डर देकर व्यापारियों ने रद्द कर दिया। बहुत से व्यापारियों ने डर कर आर्डर ही नहीं दिया। उन्होने बताया कि चीन को पहली बार में ही इतना तगड़ा झटका की उन्हें उम्मीद नहीं थी। श्री गोयल ने कहा कि कैट ने चीन को 31 दिसम्बर 2021 तक दो लाख करोड़ रूपये का नुकसान पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। रक्षाबंधन पर मिले समर्थन से प्रसन्न श्री गोयल ने कहा कि इसी तरह दीपावली पर चीन में निर्मित गणेश लक्ष्मी, बिजली की झालर अन्य सजावटी सामान आदि के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा और चीन को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का काम किया जाएगा। इसका दूसरा सबसे बड़ा लाभ देश के उद्योग अवसर का लाभ उठाते हुए प्रगति कर सकेंगे।

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