पड़ोसियों के साथ सदियों पुराने रिश्तों को गहराई देना चाहता है भारत: मोदी

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published by saurabh

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नयी दिल्ली(वार्ता): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पड़ोसी देशों को देश की सुरक्षा, विकास एवं विश्वास का साझीदार बताते हुए शनिवार को कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ सदियों पुराने सामाजिक एवं आर्थिक संबंधों को और गहराई देना चाहता है। श्री मोदी ने यहां 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे पड़ोसी देशों के साथ, चाहे वो हमसे ज़मीन से जुड़े हों या समंदर से, अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं। भारत का यह लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ हम अपने सदियों पुराने सामाजिक आर्थिक रिश्तों को और गहराई दें।” प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया में दुनिया की एक-चौथाई जनसंख्या रहती है। हम सहयोग और सहभागिता से इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास और समृद्धि की अनगिनत संभावनाएं पैदा कर सकते हैं।

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इस क्षेत्र के देशों के सभी नेताओं की इस विशाल जन समूह के विकास और प्रगति की ओर एक अहम जिम्मेदारी है। उन्होंने भौगोलिक दूरी वाले मित्र राष्ट्रों को भी पड़ाेसी देशों के समान बताते हुए कहा कि आज पड़ोसी सिर्फ वह ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है। उन्होंने पश्चिमी एशिया के देशों के साथ भारत के घनिष्ठ संबंधों को याद करते हुए कहा कि इनसे से कई देशों में बहुत बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं। जिस प्रकार इन देशों ने कोरोना संकट के समय भारतीयों की मदद की, भारत सरकार के अनुरोध का सम्मान किया, उसके लिए भारत उनका आभारी है। प्रधानमंत्री ने आसियान देशों के भी उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे पूर्व के आसियान देश, जो हमारे समुद्री पड़ोसी भी हैं, वो भी हमारे लिए बहुत विशेष महत्व रखते हैं। इनके साथ भारत का हज़ारों वर्ष पुराना धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध है। बौद्ध धर्म की परम्पराएं भी हमें उनसे जोड़ती हैं।

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