published by saurabh
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सहारनपुर,(ST News): सहारनपुर के मंडलायुक्त संजय कुमार ने कहा कि प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व यहां बनेगा और 15 वर्ष बाद टाइगर विचरण करेगे और उनकी दहाड़ सुनाई देगी।
श्री कुमार ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय टाइगर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि 15 वर्ष पूर्व शिवालिक वन क्षेत्र में टाइगर विचरण करते थे और उनकी गूंज पर्यटकों और यात्रियों को सुनाई देती थी। उन्होंने कहा कि फिर से शिवालिक वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व के लिए बनाने के प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि शिवालिक पर्वतमालाओं का वन क्षेत्र पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए आक्सीजन का सबसे बड़ा स्रोत है और यहां की पर्वतमालाएं पांच लाख वर्ष पुरानी हैं और अभी भी उनके बनने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि सहारनपुर के 33 हजार हेक्टेयर में फैले शिवालिक वन क्षेत्र में अभी भी राजा जी नेशनल पार्क से कुछ टाइगर द्वारा भ्रमण, विचरण के साक्ष्य कैमरों में कैद हुए हैं। उन्होंने कहा कि 50 तेंदुए, 18 हाथी की मौजूदगी भी शिवालिक वन क्षेत्र में बनी हुई है।
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यह वन क्षेत्र और राजा जी नेशनल पार्क का 18 किलोमीटर का मार्ग टाइगर इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र उनके रहने, प्रजनन करने और विचरण करने के लिए पूरी तरह से अनुकूल है। मंडलायुक्त ने कहा कि हैदरपुर वेट लैंड उनके प्रयासों से एक वर्ष के भीतर पूरी तरह से विकसित हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत में 40 वेट लैंड हैं। पहले 10 में हैदरपुर वेट लैंड शामिल है। साउथ के प्रकृति प्रेमी, वन्य जीव प्रेमी, पशु-पक्षी प्रेमी, हैदरपुर वेट लैंड में चिड़ियों को देखने और उनके फोटो लेने के लिए पूरी रूचि के साथ आते हैं। विश्व के पक्षी प्रेमियों तक हैदरपुर वेट लैंड की पहचान पहुंच गई है। वहां 284 प्रजातियों के प्रवासी और स्थानीय पक्षी की मौजूदगी है। वहां पर दुर्लभ किस्म के हिरण भी मौजूद हैं। इस क्षेत्र को 18 हजार से ज्यादा एकड़ में आरक्षित कर पर्यटकों के लिए और भी आर्कषक ढंग से विकसित किया जाएगा।
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