इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद डॉ0 कफील जेल से रिहा

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published by saurabh

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मथुरा(ST News): इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित जिला कारागार में बंद डॉ0 कफील खान को मंगलवार की रात लगभग पौने 12 बजे रिहा कर दिया गया है। डाॅ0 कफील को राज्य सरकार दुबारा गिरफ्तार न कर सके इसके लिए उत्तर प्रदेश विधान मंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश पर उन्हें मथुरा जेल से रिहा होने के बाद ही अपने साथ ले लिया और उन्हें सीधे राजस्थान में छोड़ दिया। मथुरा की जेल से रिहा होने के बाद डाॅ0 कफील ने बताया कि पिछले सात महीने से अधिक समय में उन्हें कितनी प्रताड़ना झेलनी पड़ी इसका वर्णन नही किया जा सकता। उन्होंने बताया कि इसी साल 29 जनवरी को जब एयरपोर्ट से एसटीएफ ने उन्हें गिरफ्तार किया था तो उसके बाद पांच दिन तक उन्हें ’’टार्चर ’’ किया गया। उनसे कई बेतुके सवाल किये गए जिनसे उन्हें मानसिक कष्ट हुआ। उन्हें न तो खाना दिया गया न पानी दिया गया तथा उनसे पूछा गया कि उन्होंने कोई ऐसा पाउडर बनाया है जिससे कई लोग मर जाएंगे। क्या वे जापान गए थे और क्या उन्होंने सरकार गिराने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि उनका पासपोर्ट जुडीशियरी के पास जमा था तो वे जापान कैसे जा सकते थे। ऐसे ही पाउडर आदि ईजाद करने के बेतुके सवाल थे। उन्होंने कहा कि रामायण सीरियल में बाल्मीकि जी श्रीराम से कहते है कि राजा को राजधर्म निभाना चाहिए।

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राजहट नही करना चाहिए पर यहां तो ’’मेरा राजा बालहट’’ कर रहा है। उन्होंने बताया कि 12 दिसम्बर 2019 के जिस भाषण को लेकर उन पर कार्रवाई हुई उसमें दो जांचों में उन पर किसी प्रकार का जब मामला नही बना तो भी उन्हें बिना बताए 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि उनके परिवार को तथा उन्हें मानसिक और आर्थिक परेशानियों से होकर गुजरना पड़ा। उन्हें अलीगढ़ से मथुरा जेल स्थानान्तरित किया गया तथा 10 फरवरी 2020 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी( सी.जे.एम) अलीगढ़ की अदालत के द्वारा दी गई जमानत के आदेशों के बावजूद उन्हें रिहा नही किया गया तथा बाद में उन पर रासुका लगाई गई जिस पर उच्च न्यायालय ने उन्हें बरी करते हुए उनके जेल से रिहा करने का भी आदेश मंगलवार को ही दिया था। डॉ0 कफील ने कहा कि उन्होंने 27 जनवरी 2020 को एक वीडियो बनाकर डाल दिया था कि कोरोना को रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए। भारत में पहला कोरोना संक्रमण का मामला 30 जनवरी को मिला था। उनका कहना था कि उन्होंने प्रधानमंत्री को भी कोरोना को रोकने के लिए बहुत पहले लिखा था। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉक्टर कफील खान ने जेल से रिहाई के बाद एक बार योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में कहा था कि राजा को राजधर्म के लिए काम करना चाहिए, लेकिन उत्तर प्रदेश में राजा राजधर्म नहीं निभा रहे हैं, बल्कि बाल हठ कर रहे हैं।’’ डॉ. खान ने आशंका जताई कि योगी सरकार उन्हें किसी दूसरे मामले में फंसा सकती है। उन्होंने कहा कि अब वे बिहार और असम में बाढ़ प्रभावितों की मदद करना चाहते हैं। गौरतलब है कि डॉ. खान पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 13 दिसंबर 2019 को भड़काऊ भाषण देने का आरोप था। उत्तर प्रदेश की पुलिस ने उन्हें जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया था। बाद में अलीगढ़ कलेक्टर ने नफरत फैलाने के आरोप में उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की। फरवरी में उन्हें फिर गिरफ्तार कर मथुरा जेल भेज दिया गया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर उन्हें रिहा किया गया।

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