कोरोना से कई क्षेत्रों में रोजगार घटे तो कई नये क्षेत्र उभरे: विशेषज्ञ

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published by saurabh

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नयी दिली(वार्ता): कोरोना वायरय ‘कोविड-19’ महामारी के कारण बने हालात के कारण मानव संसाधन में बड़े बदलाव हुये हैं जिससे कई क्षेत्रों में नौकरियां कमी हुयी हैं वहीं कई अन्य क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर भी सृजित हुये हैं। पीपुल मैटर्स टेकएचआर 2020 के पांच दिवसीय वर्चुअल कांफ्रेंस में भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने यह बात कही है। एशिया के इस सबसे बड़े एचआर एवं वर्कटेक कॉन्फ्रेंस से 42 देशों के 5,000 से ज्यादा एचआर एवं कारोबार प्रमुखों ने भाग लिया। सोशल मीडिया पर 5.6 करोड़ लोग इससे जुड़े। इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में मौजूदा चुनौतियों से जुड़े विभिन्न आयामों पर चर्चा हुई। इसमें स्कॉलर ट्रेडर एवं रिस्क एक्सपर्ट नसीम निकोलस तालेब, पिरामल ग्रुप के अध्यक्ष अजय पिरामल, सेल्सफोर्स की अध्यक्ष एवं सीईओ अरुंधती भट्टाचार्य, और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के ग्रुप हेड ह्यूमन रिसोर्स तनुज कपिलाश्रमी समेत कई दिग्गज हस्तियों ने हिस्सा लिया। इसमें टाटा स्टील के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने भी हिस्सा लिया।

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श्री तालेब ने कहा कि चुनौतियों से टूट जाना या चुनौतियों को कुछ नहीं समझना ही विकल्प नहीं है। बल्कि चुनौतियों से सीखना जरूरी है। एचआर विश्लेषक जोश बर्सिन ने कहा कि एचआर का ऑपरेटिंग मॉडल बदल रहा है। हमें ज्यादा टिकाऊ और बेहतर मॉडल बनाना होगा। इसमें भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने कहा कि इस समय व्यापक बदलाव हो रहा है। लाखों रोजगार जा रहे हैं और लाखों नए किस्म के रोजगार के अवसर बन भी रहे हैं। इस वक्त पूरी संरचना को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन के मुताबिक कोविड-19 महामारी और चौथी औद्योगिक क्रांति के कारण हो रहे बदलावों से करीब 50 फीसद लोगों पर रोजगार या आजीविका संबंधी प्रभाव पड़ेगा। पीपुल मैटर्स के सीईओ एवं एडिटर इन चीफ एस्टर मार्टिनेज ने कहा कि इस समय हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है। कोई किताब नहीं है, जिसके हिसाब से हम आगे बढ़ सकते हैं, ना रास्ता दिखाने के लिए कोई विशेषज्ञ और ना ही कोई जांचा-परखा तरीका है। इसलिए इस समय कारोबारियों को नई व्यवस्थाएं अपनाने के लिए तैयार रहना होगा।

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