published by saurabh
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झांसी(ST news): उत्तर प्रदेश के झांसी में कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने रविवार को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अगस्त क्रांति दिवस मनाया । अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर वर्चुअल बैठक में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि भारतवर्ष के इतिहास में 09 अगस्त एक महत्वपूर्ण दिन है जिसमें अंग्रेज भारत छोड़ो का नारा दिया गया और उस बुलंद नारे की वजह से अंग्रेजी हुकूमत घुटने टेकने को मजबूर हो गई और इसी आंदोलन के परिणाम स्वरूप देश को आजादी मिली थी। वरिष्ठ गांधीवादी नेता राजेंद्र रेजा ने कहा कि 14 जुलाई 1942 को वर्धा में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में एक प्रस्ताव पास हुआ जिसमें अंग्रेजो के खिलाफ देश को आजाद कराने की रणनीति बनी तथा 08 अगस्त 1942 को कांग्रेस की कॉन्फ्रेंस में अंग्रेजों को भारत से निकालने का प्रस्ताव पास हुआ। महात्मा गांधी के नेतृत्व में 09अगस्त को पूरे देश में आंदोलन शुरू हुआ। देश की आजादी के लिए यह आंदोलन मील का पत्थर बना और इसी दौरान अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सिपाही यूसुफ मेहर अली ने दिया था जिससे अंग्रेजी हुकूमत के छक्के छूट गए। वार्ता में शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा वर्ष 1942 में अखिल भारतीय कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुए दिया था जिसका एकमात्र उद्देश्य था कि इस नारे के बलबूते ब्रिटिश हुकूमत का अंत किया जा सके ।अगस्त क्रांति विश्व में एक महत्वपूर्ण क्रांति के रूप में जानी जाती है।
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रूस की क्रांति में वहां की एक प्रतिशत जनता ने हिस्सा लिया था लेकिन अगस्त क्रांति में भारत की 20 प्रतिशत जनता ने हिस्सा लिया था अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का एक महत्त्वपूर्ण पक्ष यह भी है कि आंदोलन के दौरान जनता खुद अपनी नेता थी और वह ब्रिटिश हुकूमत उखाड़ देना चाहती थी स्पष्ट शब्दों में हम कह सकते हैं कि अगस्त क्रांति ने अंग्रेजी हुकूमत पर ताबूत में अंतिम कील का काम किया। आज उत्तर प्रदेश की स्थिति बड़ी दयनीय कोरोना काल में जिस तरह उत्तर प्रदेश में मजदूरों का पलायन देखने को मिला उस स्थिति ने आजादी के समय के पलायन की याद दिला दी । मौजूदा सरकार उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को संभाल नहीं पा रही है उद्योग धंधों के नाम पर अपहरण उद्योग और हत्या उद्योग पनप रहे हैं बेरोजगारी चरम सीमा पर है शिक्षकों की भर्ती अधर में लटकी है। लॉकडाउन के कारण मध्यमवर्गीय परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं चिकित्सा व्यवस्थाएं अनुकूल नहीं है सरकार हर दृष्टि से फेल हो चुकी है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए आज हम नारा दे रहे हैं “ भाजपा गद्दी छोड़ो” जिसे हमें जनता के साथ मिलकर बुलंद करना होगा। उक्त अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार शमीम शेख, डॉ विजय भारद्वाज, प्रकाश गुप्ता, अजय श्रीवास्तव, सौरभ साहू अमित चक्रवर्ती, मनीष रायकवार राकेश अमरया, शाहिद खान आदि ने विचार व्यक्त किए।
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