published by saurabh
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प्रयागराज,(ST News): तीर्थराज प्रयाग में पतित पावनी गंगा और श्यामल यमुना के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से संगम का स्थान तेजी से बदल रहा है। एक सप्ताह के दौरान संगम किलाघाट से संगम नोज पर पहुंच गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त आंकडों के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान दोनो नदियों के जलस्तर में 21 और 12 सेंटीमीटर की वृद्धी दर्ज की गयी है। उन्होने बताया कि गंगा का जलस्तर सोमवार को 12 बजे फाफामऊ में 78.58 मीटर, छतनाग में 74.75 और यमुना 75.29 मीटर दर्ज किया गया है। जबकि रविवार को इसी समय गंगा फाफामऊ में जलस्तर 78.58 स्थिर हैं। वहीं छतनाग में जल स्तर 74.54 और नैनी में यमुना 75.17 मीटर दर्ज किया गया था। दोनो नदियों का जलस्तर एक से दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घट-बढ़ रहा है। खतरे का निशान प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर 84.73 मीटर के बाद खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही है। इसलिए बाढ़ का खतरा नहीं है लेकिन गंगा के कछारी इलाके में पानी बढ़ने की संभावना है। पिछले कुछ दिनों से गंगा और यमुना का जलस्तर धीरे धीरे बढ़ रहा था।
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जुलाई के शुरूआत में गंगा का जलस्तर बढ़ा तो संगम करीब 100 मीटर खिसक कर किला घाट पर आ गया। पिछले दिनों से गंगा और यमुना का जलस्तर एक साथ बढने लगा है। वर्तमान में गंगा की तुलना में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। यमुना का जलस्तर अधिक बढ़ने से उसका प्रवाह तेज हो गया है। संगम तट के तीर्थ पुरोहितों का दावा है कि एक सप्ताह में संगम 500 मीटर पीछे खिसक गया है। यमुना का प्रवाह सीमित दायरे में होने के कारण गंगा की तुलना में गहराई अधिक होने और पानी बढ़ने से इसके बहाव में गति अधिक होती है जिससे गंगा के बहाव को आगे बढ़कर रोकने लगता है। यमुना में जैसे जैसे पानी बढेगा संगम का स्थान बदलेगा। जल प्रभारी पुलिस कड़ेदीन यादव ने बताया कि दोनो नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए गोताखाेर लगातार चक्रमण करते रहते हैं। स्नानार्थियों को एक निश्चित सीमा से आगे बढ़ने से मनाही कर दी गयी है।
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