published by saurabh
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लखनऊ,(ST News): समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संध के निर्देश पर चलने का आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी नफरत और समाज को बांटने वाली हरकतों को भाजपा छोड़ने का नाम नहीं लेगी क्योंकि उसी के सहारे उसकी सम्पूर्ण राजनीति संचालित होती है। श्री यादव ने सोमवार को यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा को आरएसएस निर्देशित करता है जिसका स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों से कोई नाता रिश्ता नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनता को अनावश्यक मुद्दों में उलझाकर राज्य का बहुत अहित किया है। भाजपा अपनी नफरत और समाज को बांटने वाली हरकतों को भाजपा छोड़ने का नाम नहीं लेगी क्योंकि उसी के सहारे उसकी सम्पूर्ण राजनीति संचालित होती है। उन्होंने कहा कि भाजपा का अहंकार इन दिनों सिर चढ़कर बोल रहा है। अपने अहंकार में भाजपा नेतृत्व ने भाषा और आचरण की मर्यादा को तिलांजलि दे दी है और राजनीति की गरिमा से भी खिलवाड़ करने में संकोच नहीं किया है। भाजपा नेतृत्व का संविधान और लोकतंत्र की व्यवस्थाओं में भी भरोसा नहीं रह गया है इसीलिए ऐसे दुस्साहसपूर्ण दावे किए जा रहे हैं कि उनकी सरकार हमेशा सत्ता में बनी रहेगी।
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लोकतंत्र में तो हर पांच वर्ष बाद जनता अपने जनप्रतिनिधियों-सांसदो, विधायकों का चुनाव करती है। जबरन सत्ता पर काबिज रहने का दावा तो संविधान के अनुरूप आचरण के विपरीत तानाशाही मानसिकता की साजिश का संकेत देता है। श्री यादव ने कहा कि पिछले दिनों कन्नौज की एक घटना की बिना किसी संदर्भ के सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेतृत्व ने चर्चा की। इसमें जिस भाषा का इस्तेमाल हुआ उससे राजनीति की साख को भी बट्टा लगा। पद का अन्यथा इस्तेमाल सत्ता के दुरूपयोग की अवांछित दुर्घटना ही मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार की हर मोर्चे पर विफलता जग जाहिर है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है, कोरोना संक्रमण थम नहीं रहा है, अफसरशाही बेलगाम है और सत्ता दल के विधायक-सांसद भी अपनी सरकार के कामों पर उंगली उठा रहे हैं। इस सबसे त्रस्त मुख्यमंत्री ने वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव का सहारा लेकर अपने विरोध की दिशा मोड़ने का घटिया प्रयास किया है। लेकिन तब भी न तो वह जनता को बहका पाए थे और नहीं उसके वोट हथिया पाए थे। उनका ब्रम्हास्त्र अब उन्हीं के पास वापस आएगा। श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को सत्य का आचरण का पालन करना चाहिए। उत्तर प्रदेश में ऐसी पहली सरकार है जो सत्य के अलावा कुछ भी बोलती रहती है। लोकतंत्र में सरकारें संविधान के आधार पर ही चलती है। पर यहां तो भाजपा ने संविधान के प्रति सम्मान भाव को ठेस पहुंचाने का इरादा जाहिर कर दिया है। भाजपा को यह हमेशा स्मरण रखना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है। जनता भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा बहुत अच्छी तरह पहचान चुकी है।
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