published by saurabh
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नयी दिल्ली,(वार्ता): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से 15 सितंबर तक ऋण पुनर्गठन की योजना तैयार करने के लिए कहा है ताकि किस्त अदायगी से छूट की मोहलत समाप्त होने के बाद ग्राहकों को परेशानी का सामना न करना पड़े। वाणिज्यिक बैंकों तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज की गई समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि ऋणदाता संस्थान 15 सितंबर तक न सिर्फ समाधान योजना तैयार करें बल्कि उसे अपने निदेशक मंडल से मंजूर भी करायें।
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पात्र खुदरा एवं कारोबारी ग्राहकों के ऋण के पुनर्गठन से एक तरफ उन पर दबाव नहीं पड़ेगा तो दूसरी तरफ बैंकों के खाते पर गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का बोझ भी नहीं बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि किस्त अदायगी में छूट समाप्त होने के बाद यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि ग्राहकों को परेशानी न हो। कोविड-19 के कारण हुये नुकसान से उनके ऋण खाते का आकलन प्रभावित नहीं होना चाहिए।
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