मॉस्को, इलेक्टोरल कॉलेज वोटों में जीत के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की जीत पर जो बाइडन को बधाई दी। बता दें कि बाइडन ने मगंलवार को राज्य-दर-राज्य इलेक्टोरल कॉलेज वोट जीतने के बाद आधिकारिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर अपनी जीत सुनिश्चित की है। उनकी यह बधाई इसलिए खास है क्योंकि 3 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव संपन्न होने के बाद पुतिन ने बाइडन को बधाई नहीं दी थी, जिसको लेकर भी वह सुर्खियों में थे। आखिर 3 नवंबर के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव संपन्न होने के बाद किन देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने बाइडन को नहीं दी बधाई। इसके पीछे क्या है उनका तर्क।
पुतिन ने बाइडन को बधाई देने से किया था परहेज
क्रेमलिन ने बाइडन को बधाई देने से परहेज किया था। क्रेमिनल ने कहा था कि अमेरिकी राष्टपति चुनाव के आधिकरिक परिणामों की प्रतीक्षा करेगा, जबकि कई मुल्कों के राष्ट्राध्यक्षों ने 3 नवंबर के बाद बाइडन को जीत की बधाई दे चुके हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने उनकी सफलता की कामना की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के ऊपर वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता की बड़ी जिम्मेदारी है। पुतिन ने कहा कि अमेरिका और रूस के बीच तमाम विरोध के बावजूद कई वैश्विक समस्याओं एवं चुनातियों को एक साथ हल करने को तैयार हैं। क्रेमलिन की ओर जारी बयान में पुतिन ने कहा है कि ‘मैं आपके साथ वार्ता और संपर्क करने के लिए तैयार हूं।’
इलेक्टोरल कॉलेज वोट की अहमियत। रूसी राष्ट्रपति पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज वोट की अहमियत जानते हैं। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हमेशा उस प्रत्याशी की नहीं होती है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक वोट मिले हो। उदाहरण के तौर पर वर्ष 2016 के चुनाव में हिलेरी क्लिंटन के मामले को देखा जा सकता था। हिलेरी क्लिंटन को देश भर में सबसे ज्यादा वोट हासिल हुए थे, लेकिन इलेक्टोरल कॉलेज वोट की गिनती में वह हार गईं थीं। उम्मीदवरों को इलेक्टोरल कॉलेज वोट में जीतना होता है। हर राज्य में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल कॉलेज वोट होते हैं। यह उस राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करता है कि उसके यहां कितने इलेक्टोरल वोट हैं। इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 538 वोट होते हैं, जिनमें से 270 या फिर उससे ज्यादा वोट जीतने के लिए जरूरी होते हैं।अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन को इलेक्टोरल कॉलेज के 306 वोट हासिल हुए हैं, जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 232 मतों से ही संतोष करना पड़ा है। अब ये तय हो गया है कि जनवरी में बाइडन ही अगले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। अब चुनाव के अंतिम नतीजों को वाशिंगटन भेजा जाएगा, जहां 6 जनवरी को संसद के संयुक्त सत्र में इनकी गिनती होगी। इसके बाद 20 जनवरी को बाइडेन और कमला हैरिस को राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पद की शपथ दिलवाई जाएगी।