published by saurabh
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नयी दिल्ली(वार्ता): अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण शुरू करने के भूमिपूजन के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह को नहीं बुलाये जाने की आलोचनाओं को खारिज करते श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने बुधवार को कहा कि ये हमारे पितामह हैं और मीडिया में होने वाली आलोचनाओं से उनके और हमारे दोनों के मन प्रभावित नहीं हो सकते हैं। श्री राय ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पांच अगस्त को राम मंदिर के निर्माण को शुरू करने के लिए आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम में श्री आडवाणी, डॉ जोशी आदि को नहीं बुलाये जाने को लेकर आलोचनाएं हुईं हैं। उन्होंने कहा, “आडवाणी जी, डॉ. जोशी जी और कल्याण सिंह जी हमारे घर पितामह हैं जिन्होंने अपनी तरुणाई में राममंदिर के आंदोलन को आकाश में पहुंचाया। उनके स्वास्थ्य एवं शरीर को लेकर चिंता है।” उन्होंने कहा कि इनमें सब लाेग 85 वर्ष से अधिक आयु के हैं।
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यदि कुछ हो जाता तो हम पाप के भागी बनते। हमने उन्हीं से फोन पर पूछा था कि इतनी आयु है, क्या वे भीड़भाड़ में अयोध्या आएंगे। इस पर उन्होंने ही कहा था कि वे भीड़भाड़ में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि इन लोगों के हमसे और हमारे इनसे जो संबंध हैं, लोग कुछ भी कहते रहे हैं, ना तो उनके ऊपर कोई परिणाम होगा और ना ही हमारे ऊपर। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 184 संत उपस्थित थे। सार्वजनिक राजनीतिक जीवन में सक्रिय केवल दो लोग ही कार्यक्रम में थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सुश्री उमा भारती। इनके अलावा कोई भी राजनीतिक व्यक्ति मौजूद नहीं थे। श्री विनय कटियार अयोध्या में मौजूद थे लेकिन उनकी सेहत खराब होने के कारण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हाे सके। श्री राय ने कहा कि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री मोदी के भाषण को संतों ने खूब सराहा। स्वामी वासुदेवाचार्य ने कहा कि श्री मोदी के मुख से सम्राट विक्रमादित्य बोल रहे हैं। आचार्य धर्मेन्द्र ने कहा कि वह श्री मोदी के आलोचक हैं लेकिन इस भाषण में कोई दोष नहीं ढूंढ़ सकता है। लगता है कि श्री मोदी कथा व्यास भी हैं। इसी प्रकार से एक संत ने श्री मोदी को इतने लीन होकर भूमि पूजा करते देख कर कहा कि मानो कोई चक्रवर्ती पूजा कर रहा हो।
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