UPPCL Update: चोरी की बिजली जलाने वाले संविदा कर्मियों पर अब कसेगा शिकंजा, गंवानी पड़ी नौकरी-दर्ज होगा मुकदमा

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लखनऊ; लेसा के संविदा कर्मी ही अपने विभाग को चूना लगा रहे हैं। दूसरे उपभोक्ताओं के घरों में चोरी पकड़ने वाले अभियंता अपने संविदा कर्मियों के घरों में जांच करनी शुरू करें तो लाखों रुपये की बिजली चोरी सामने आएगी। इसकी बानगी हुसैनगंज के संविदा कर्मी अजय गुप्ता के यहां बिजली चोरी मिली है। पॉवर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक के निर्देश पर जब जांच हुई तो संविदा कर्मी के तालकटोरा के भारतपुरी और आलमनगर स्थित घरों में एक किलोवॉट के कनेक्शन से घर व दुकानें रोशन होती हुई मिली। खासबात है कि यह हाल उपकेंद्र में तैनात नब्बे फीसद संविदा कर्मियों का है। मध्यांचल के प्रबंध निदेशक सूर्य पाल गंगवार ने ऐसे संविदा कर्मियों के खिलाफ सख्ती से पेश आने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा  कि संविदा कर्मियों को बिजली विभाग कोई छूट व बिल में लाभ नहीं देता, आम उपभोक्ता की तरह बिल देना होगा। प्रबंध निदेशक सूर्य पाल ने कहा कि मनमानी व राजस्व की हानि करने वाले संविदा कर्मियों की नौकरी तो जाएगी ही साथ ही बिजली चोरी व अनियमितता पाए जाने पर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। वहीं, राजधानी के सभी मुख्य अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया गया है कि लापरवाही मिली तो संबंधित अभियंता की जवाबदेही भी होगी। वहीं पॉवर कारपोरेशन की टीम अगर कुर्सी रोड की तरह किसी क्षेत्र में अनियमितता पाता है तो स्थानीय अवर अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता की जवाबदेही होगी और विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

बता दें, बीकेटी के अधिशासी अभियंता एचपी मिश्रा ने अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उपकेंद्रों के एसडीओ को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि संविदा कर्मियों के आवासों की जांच करके रिपोर्ट दे। रिपोर्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद अगर किसी संविदा कर्मी के घर पर बिजली चोरी मिलती है तो संबंधित अभियंता भी दोषी होगा। बिजली विभाग में बिजली चोरी पकड़ने के लिए प्रवर्तन टीम बनी है। सूत्रों की माने तो इन्हें बिजली विभाग कोई छूट नहीं देता, लेकिन लाभ लेने से पीछे यह वर्ग भी नहीं है। बिजली चोरी पकड़ने में फिसड्डी साबित हुई यह विंग आज तक कोई बड़ी चोरी स्वयं नहीं पकड़ सकी, जिसको लेकर प्रबंध निदेशका मध्यांचल को प्रेस वार्ता करनी पड़ी हो और पीठ थपथपानी पड़ी हो। यही नहीं जो मामले दर्ज हैं, उसकी विवेचना की रफ्तार थानों में पड़ी फाइलों को देखकर लगाया जा सकता है।

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