बिहार में लागू हुई आदर्श आचार संहिता, सड़कों से हटाये जा रहे पार्टी के पोस्टर

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Published By Anant Bhushan 

 बिहार चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित कर दी हैं. इसके साथ ही बिहार में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है. आज से और अब से हर राजनीतिक दल और भावी उम्‍मीदवार इसके पालन के लिए बाध्‍य होंगे. आपको बता दें कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा कुछ नियम बनाये जाते हैं. इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं. लोकसभा या विधानसभा चुनाव के दौरान उन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है.

आचार संहिता के नियमों के अनुसार सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा, सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जायेगा, किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा, किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी, किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे.

इसी कड़ी में हम आपको बता दें कि आचार संहिता के नियमों का पालन करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सरकारी वाहनों को वापस कर दिया है. सुशील मोदी ने तो अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात की आधिकारिक घोषणा भी कर दी है. वहीं राजधानी पटना जो पार्टी के पोस्टरों सजी हुई थी, अब पोस्टरों को भी हटाया जा रहा है. पटना के अलावा भी बिहार के अलग-अलग जिलों में पोस्टरों के हटाने का सिलसिला शुरू हो गया है.

गौरतलब है कि चुनाव आचार संहिता के नियम सख्ती से लागू होते हैं. अगर इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उसके लिए सज़ा का भी प्रावधान है. चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.

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