published by saurabh
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नयी दिल्ली(वार्ता): पिछले वर्ष केन्द्रीय पुलिस बलों के 36 कार्मिकों ने आत्महत्या की जिनमें से 14 ने पारिवारिक कारणों से और तीन ने नौकरी से संबंधित मामलों के कारण यह कदम उठाया। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में आत्महत्या के सबसे अधिक पांच मामले सामने आये जबकि तमिलनाडु में चार और अरूणाचल प्रदेश , छत्तीसगढ , जम्मू और कश्मीर , नागालैंड , त्रिपुरा तथा दिल्ली में तीन-तीन मामले दर्ज किये गये। इन आठ राज्यों में पुलिस बलों के कार्मिकों के आत्महत्या के 75 प्रतिशत मामले दर्ज किये गये। राजस्थान में आत्महत्या के पांच मामलों में से चार पारविारक समस्याओं के कारण हुए।
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आठ मामलों में आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चला जबकि एक मामले में सामाजिक प्रतिष्ठा, एक में विवाह संबंधित मुद्दे के कारण आत्महत्या की गयी। नौ मामलों में आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चला। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 के दौरान केन्द्रीय पुलिस बलों के 14 जवान विभिन्न अभियानों और मुठभेड़ों में शहीद हुए। इनमें से 57.1 फीसदी छत्तीसगढ में जबकि 42.9 फीसदी जम्मू कश्मीर में शहीद हुए। इसके अलावा केन्द्रीय पुलिस बलों के 24 जवानों की सड़क और रेल दुर्घटना में चार की प्राकृतिक आपदाओं में और 62 की अन्य कारणों से मौत हुई। देश में वर्ष 2019 में केन्द्रीय पुलिस बलों की संख्या 9 लाख 23 हजार 800 थी।
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