published by saurabh
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बलरामपुर,(ST News): देश की राजधानी दिल्ली में गिरफ्तार उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का निवासी संदिग्ध आतंकी अबु युसुफ उर्फ मुस्तकीम को धनाड्य बनने की चाहत ने उसे आतंक का खूखार अपराधी बना दिया। उतरौला कोतवाली क्षेत्र के बढया भैसाही गाँव निवासी संदिग्ध आतंकवादी अबु युसुफ उर्फ मुस्तकीम को दौलत की हवस ने एक आतंकी बना दिया। उतरौला बस्ती मार्ग पर बसा बढया भैसाही गाँव की आबादी करीब तीन हजार है।अबु युसुफ उर्फ मुस्तकीम के कृत्य ने इस गाँव को एकाएक सुर्खियों मे ला दिया। उसके राष्ट्र विरोधी कारनामे को सुनकर पूरा गाँव खौफजदा है। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार चार भाई और चार बहनों में सबसे बडा अबु युसुफ है।जिसे गाँव मे मुस्तकीम के नाम से जाना जाता है। उसके पिता मोहम्मद कफील के नाम गाँव मे करीब 25 बीघा खेत है। उसका मन शुरू से खेती बाड़ी में नही रमा और अधिक दौलत कमाने की इच्छा उसको राष्ट्र विरोधी संगठनो का सदस्य बना दिया। अधिक धन कमाने की इच्छा लेकर अबु युसुफ 2006 में सऊदी अरब चला गया। जहाँ वह करीब चार वर्षो तक सऊदी में रहा। साल 2010 मे विदेश से वापस आने के बाद 2011 में अबु युसुफ का विवाह जिले के तैबापुर गाँव की निवासी आयशा के साथ हुई। अबु युसुफ उर्फ मुस्तकीम के चार बच्चे है। उन्होंने बताया कि 2015 में वह कतर कमाने के लिए गया, लेकिन किन्ही कारणवश वह 15 दिन में ही कतर से स्वदेश वापस आ गया। पिता ने उसके परिवार का बोझ उठाने से मना कर दिया जिसके चलते वह करीब दो माह तक दिल्ली में रहा और फिर वही से उत्तराखंड चला गया।
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संदिग्ध आतंकी के पिता मोहम्मद कफील ने बताया कि उत्तराखंड में वह काफी दिनों तक प्लास्टर आफ पेरिस का काम करता रहा। इसी बीच अबु युसुफ काम के दौरान गंभीर चोट खा गया। पिता ने उत्तराखंड से उसे गाँव लाकर इलाज कराया। सूत्रों ने बताया कि कमर में चोट के चलते उसे आज भी तकलीफ रहती है। जिसके चलते वह नमाज भी कुर्सी पर बैठकर पढता था। उन्होंने बताया कि अरसा करीब दो साल हो रहा है। गाँव से करीब चार किलो मीटर दूर हाशिमपारा बाजार में किराए पर दुकान लेकर अबु युसुफ ने कास्मेटिक का कारोबाह शुरू किया। दुकान के मालिक मुजिबुल्ला ने बताया कि अबु युसुफ उर्फ मुस्तकीम कमर दर्द से परेशान रहता था। उसे झुक कर सामान उठाने मे भी तकलीफ होती थी। जिसके चलते वह दुकान सप्ताह में दो चार दिन ही खोल पाता था। कभी कभी अपने बडे बेटे को मदद के लिए दुकान पर लाता था। पत्नी आयशा ने बताया कि करीब दो सालों से उसके पति की गतिविधिया संदिग्ध नजर आने लगी थी। कई बार उसने अबु युसुफ को गलत काम से परहेज करने की नसीहत दी थी। बच्चों के भविष्य का हवाला देकर गलत काम से दूर हो जाने की सलाह दी गई थी।बताया जाता है कि पिछले अपैल माह मे उसने परीक्षण के तौर पर गाँव में आबादी से बाहर कब्रिस्तान में विस्फोट भी किया था। उस वक्त उसके इस हरकत को लोग समझ नही सके और नजर अंदाज कर बैठे। दिल्ली एटीएस की गिरफ्तारी के बाद उसके मकान से बरामद विस्फोटक और आत्मघाती जैकेट हर किसी को उसके आतंकी होने का यकीन दिला रहा है।
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