published by saurabh
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नयी दिल्ली ( वार्ता): उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश के शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों में शुमार आईआईटी दिल्ली के योगदान को रेखांकित करते हुए शोध एवं अनुसंधान क्षेत्र को अधिक बढ़ावा देने के लिए उद्योग जगत से सहयोग करने का आह्वान किया है। श्री नायडू ने सोमवार को यहां आईआईटी, दिल्ली की हीरक जयंती समारोह का वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है और प्रसिद्ध कई वैज्ञानिक अनुसंधान कर्ता और शिक्षक भी पैदा किए हैं। इसके अलावा कई पद्म पुरस्कार विजेता और फेलो भी यहां से निकले हैं । आईआईटी दिल्ली नवाचार और उद्यमशीलता का लीडर बंद कर उभरा है। श्री नायडू ने यह भी कहा कि आई आई टी दिल्ली ने कोरोना संकट के दौरान सबसे सस्ता जांच की वेंटिलेटर पीपी सैनिटाइजर आदि बनाकर उसने विशेष योगदान दिया है उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश में शोध अनुसंधान तथा नवाचार की सबसे अधिक जरूरत है क्योंकि शैक्षिक संस्थानों का दायित्व बनता है कि वह समाज को कुछ दें औरलोगों की समस्याओं का हल निकाले तथा उनका जीवन खुशहाल बनाएं । इसके लिए जरूरी है कि हमारे देश के उद्योग जगत आगे आए और शोध अनुसंधान क्षेत्र में काम करें और धन मुहैया कराएं । श्री नायडू ने फिक्की सीआईआई और एसोचैम से भी अनुरोध किया कि वह इस कार्य में हाथ बढ़ाएं और एकेडमिक जगत से साझेदारी करें। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि आईआईटी दिल्ली देश के ही शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग में नही बल्कि वह एक ब्रांड भी बन गया है । इतना ही नहीं आईटी दिल आईटी अब तक तीन करोड़ लोगों को रोजगार भी दिया है और 19000000 अमेरिकी डॉलर का निवेश भी किया है। यहां 54 प्रतिशत पीएचडी और स्नातकोत्तर छात्र हैं तथा कोविड-19 करीब 40 लाख बीपी किट की आपूर्ति की है कोरोन की सबसे सस्ती जांच किट भी बनाई है वेंटीलेटर भी बनाये हैं। समारोह के आरम्भ में निदेशक रामगोपाल राव ने आई आई टी की विकास यात्रा का विस्तृत विवरण दिया। इस मौके पर आई आई टी की हीरक जयंती के लोगो का विमोचन किया गया और स्ट्रेटजी रिपोर्ट का लोकार्पण भी हुआ।
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