नेमावर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि विरोधी कानून वापस लेने की घोषणा लोकतंत्र और किसान आंदोलन की विजय है। जन जागरण अभियान के तहत नर्मदा नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध पौराणिक नगरी नेमावर पहुंचे श्री सिंह ने मीडिया से कहा कि वे उन बहादुर किसानों को बधाई देना चाहते हैं, जो एक साल से धरने पर बैठे थे। उन शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो धरने और आंदोलन के दौरान शहीद हुए।
राज्यसभा सांसद श्री सिंह ने कहा कि लेकिन उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि देश के किसानों ने एक बार फिर जता दिया कि उनसे पूछे बगैर कृषि क्षेत्र में मनमानी नहीं अपनायी जा सकती है। अब किसानों को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब श्री मोदी को आने वाले संसद सत्र में किसान कानून वापस लेने की औपचारिकता पूरी करने के साथ ही वे सभी राजनैतिक दलों और किसानों से इस मुद्दे पर चर्चा करें।
इसके अलावा जो शहीद हुए है, उनकी शहादत स्वीकार कर उनके परिजनों को मुआवजा भी दिया जाना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि श्री मोदी और भाजपा नेता कृषि कानून लाने के बाद प्रत्येक वक्त इसके समर्थन में बातें करते थे। लेकिन आज के फैसले से सच्चायी सामने आ गयी है। ये किसानों और लोकतंत्र की जीत है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले भी भूमि अधिग्रहण संबंधी मामले में पहले विरोध किया था और फिर किसानों की खिलाफत के बाद उसे झुकना पड़ा था।