नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने गुजरात के एक प्रमुख हीरा कारोबारी के यहां छापेमारी कर न:न सिर्फ 10.98 करोड़ रुपये मूल्य के 8900 कैरेट बेहिसाबी हीरों का पता लगाया है बल्कि इस दौरान 1.95 करोड़ रुपये के नकदी और आभूषण भी जब्त किये हैं।
भाग ने आज यहां बताया कि कर चोरी के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर 22 सितंबर को गुजरात के एक अग्रणी हीरा निर्यातक के परिसरों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया गया। यह समूह हीरे के व्यवसाय के अलावा टाइल्स बनाने के भी कारोबार से भी जुड़ा था। इस अभियान में गुजरात के सूरत, नवसारी, मोरबी, वांकानेर और महाराष्ट्र के मुंबई स्थित 23 परिसरों को शामिल किया गया।
तलाशी की मुख्य विशेषताओं में बड़ी मात्रा में कागजी और डिजिटल रूप में बेहिसाबी डेटा को जब्त किया जाना शामिल है, जिसे सूरत, नवासारी, मुंबई में अपने भरोसेमंद कर्मचारियों के संरक्षण में गुप्त स्थानों पर रखा गया था। डेटा में पिछले पांच वर्षों के लिए बेहिसाब खरीद, बेहिसाब बिक्री, खरीद के लिए समायोजन प्रविष्टियां लेना, जिनके विरुद्ध नकदी प्राप्त होती है, अंगडिया फर्मों के माध्यम से इस तरह की नकदी और स्टॉक की आवाजाही, अंगडिया के पास बेहिसाब नकदी रखना, संपत्ति और स्टॉक की खरीद के लिए ऐसी बेहिसाब आय का निवेश और स्टॉक, आदि के प्रमाण शामिल हैं।
आंकड़ों के प्राथमिक विश्लेषण से पता चलता है कि एसेसी (निर्धारिती) ने इस अवधि के दौरान बेहिसाबी खरीद की है और लगभग 518 करोड़ रुपए की छोटे परिष्कृत हीरों की बिक्री की है। इसके अतिरिक्त, डेटा से पता चलता है कि एसेसी ने अपनी विनिर्माण गतिविधियों से सृजित 95 करोड़ रुपए से अधिक के हीरा स्क्रैप की बिक्री नकदी में की है, जो बेहिसाबी है और इसकी आय का प्रतिनिधित्व करती है।
इन वर्षों में एसेसी ने अपने बही-खाते में लगभग 2,742 करोड़ रुपए के बराबर के छोटे हीरों की बिक्री का हिसाब रखा है, जिसके विरुद्ध बड़ी मात्रा में नकदी में खरीद की गई लेकिन खरीद बिल समायोजन प्रविष्टि उपलब्धकर्ताओं से लिए गए थे।
इसके अतिरिक्त, एसेसी आयातों के माध्यम से बड़ी मात्रा में कच्चे हीरों की खरीद भी कर रहा था और हांगकांग में पंजीकृत अपनी कंपनी के माध्यम से तैयार बड़े आकार में परिष्कृत हीरों की निर्यात बिक्री कर रहा था, जिसे प्रभावी रूप से केवल भारत से ही नियंत्रित और प्रबंधित किया जाता है।
डेटा से पता चलता है कि एसेसी ने इस कंपनी के माध्यम से पिछले दो वर्षों में 189 करोड़ रुपए की खरीद और 1,040 करोड़ रुपए की बिक्री की है। खोज के दौरान, रियल स्टेट सौदों का पूर्ण वित्तीय लेनदेन पाया गया, जिससे 80 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय का पता चला। इसके अतिरिक्त, टाइल्स के व्यवसाय से संबंधित शेयरों की बिक्री लेनदेन की भी जांच की गई, जिससे 81 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय का पता चला।