डा0 पुजारी: यूनानी चिकित्साकों को भी सर्जरी करने की अनुमति देने पर गम्भीरतापूर्वक विचार करेगी सरकार

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सहारनपुर, केंद्र सरकार भारत की प्राचीन यूनानी चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों को भी सर्जरी करने की अनुमति देने पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगी।
आयुष मंत्रालय के तहत काम करने वाली सेंट्रल काउंसिल आफ इंडियन मेडिसिन के चेयरमैन डा. जयंत देव पुजारी ने आज यहां देश के यूनानी क्षेत्र से जुड़ी शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधकों और संचालकों को यह भरोसा दिया।

इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल जामिया तिब्बिया देवबंद के सचिव और भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तर प्रदेश के वर्तमान सदस्य और पूर्व चेयरमैन डा. अनवर सईद ने आज यहां अपने मेडिकल कालेज में पत्रकारों को दी। डा. अनवर सईद ने कहा कि यूनानी चिकित्सा पद्धति के प्रमुख संस्थानों के प्रतिष्ठित लोगों ने डा0 जयंत देव पुजारी से नई दिल्ली में उनके कार्यालय में मुलाकात की और यूनानी चिकित्सा में सुधार किए जाने, पाठ्यक्रम का स्तर आधुनिक अनुसंधानों के आधार पर परिवर्तित किए जाने की मांग संबंधी ज्ञापन डा. पुजारी को दिया।

डा. सईद ने बताया कि 20 नवंबर 2016 को मोदी सरकार देश के प्रशिक्षित आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार दे चुकी है। यूनानी चिकित्सा केंद्र की हस्तियों ने डा0 देव पुजारी को बताया कि यूनानी चिकित्सा शिक्षा के कालेजों में सर्जरी की बाकायदा पढ़ाई होती और उसका एक उच्च स्तरीय पाठ्यक्रम भी है। इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों की तरह प्रशिक्षित यूनानी चिकित्सकों को भी सर्जरी करने का शासनादेश जारी होना चाहिए और इस आदेश को दूसरी अनुसूचि सेकिंड सेड्यूल में शामिल किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश का यूनानी चिकित्सा से जुड़ा वर्ग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अत्यंत आभारी है। जिन्होंने भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेद और यूनानी पर अपना ध्यान दिया है और इस क्षेत्र में बड़ा काम किया है। पहली बार श्री मोदी ने आयुष मंत्रालय का गठन किया है और सेंट्रल काउंसिल आफ इंडियन मेडिसिन के चेयरमैन डा. जयंत देव पुजारी ने यूनानी कालेजों का स्तर ऊंचा उठाने और यूनानी चिकित्सकों की तमाम प्रमुख समस्याओं को दूर करने का काम किया है। जिसके लिए प्रधानमंत्री सम्मान के हकदार हैं। सैकड़ो साल पुरानी भारतीय चिकित्सा पद्धति को देश के कोने-कोने में आधुनिक साज सज्जा के साथ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार को इस बात के लिए खासतौर से धन्यवाद दिया कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दस एकड़ जमीन पर 200 बिस्तरों वाला एक राष्ट्रीय संस्थान स्थापित किया जा रहा है जिसके लिए 340 करोड़ रूपए की धनराशि स्वीकृत की गई है।

श्री सईद ने प्रधानमंत्री का इस बात के लिए भी आभार जताया कि केंद्र सरकार ने हकीम अजमल खां के जन्मदिन को नेशनल यूनानी डे के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। डा. अनवर सईद ने कहा कि भारत में मोदी सरकार अकेली सरकार है जिसने प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों के उन्नयन में पहल की और आधुनिक तकनीक एवं नए अनुसंधानों का समावेश पाठ्यक्रमों में करने का प्रयास किया जा रहा है।