स्वदेशी उत्पादनों ने भारतीय जरूरतों और अर्थव्यवस्था के लिए “सुरक्षा कवच” का किया काम : नकवी

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नयी दिल्ली, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री एवं राज्यसभा के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के समय भी स्वदेशी उत्पादनों ने भारतीय जरूरतों और अर्थव्यवस्था के “सुरक्षा कवच” का काम किया।

श्री नकवी ने सोमवार को यहाँ भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) में आयोजित “हुनर हाट” के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “”वोकल फॉर लोकल” मंत्र, देश की अर्थव्यवस्था और स्वदेशी से स्वावलम्बन का प्रभावी तंत्र साबित हुआ है। पिछले वर्ष कोरोना काल में विश्व की आर्थिक तंगी-मंदी के संकट के समय भी स्वदेशी उत्पादनों ने भारतीय जरूरतों और अर्थव्यवस्था के “सुरक्षा कवच” का काम किया। जो देश अनाज के लिए भी विदेशी आयात पर निर्भर करता था वह देश खुद पर्याप्त अनाज का उत्पादन ही नहीं कर रहा है बल्कि दुनिया को भी निर्यात कर रहा है। यह देश के अन्नदाताओं की मेहनत और मोदी सरकार के “आत्मनिर्भर कृषि एवं कृषक” के प्रभावी उपायों का नतीजा है।

उन्होंने कहा कि- हुनर हाट के उद्घाटन के मौक़े पर ईरान के राजदूत अली चेंगनी और कुवैत के राजदूत जसीम अल नजम ने भी शामिल होकर हौसला अफजाई की। इस दौरान केंद्रीय अल्पसंख्यक राज्यमंत्री जॉन बराला समेत मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि- भारत फार्मेसी के क्षेत्र का बड़ा हब बन गया है। एक साल के अंदर कोरोना से लड़ने की भारतीय वैक्सीन का उत्पादन, लोगों के स्वास्थ्य-सुरक्षा के विभिन्न उपकरणों, सुविधाओं, संसाधनों सहित जीवन रक्षक दवाओं और स्वदेशी उत्पादनों ने भारत की क्षमता और ताकत का दुनिया को एहसास कराया।

श्री नकवी ने कहा कि- प्रधानमंत्री के “वोकल फॉर लोकल” और “स्वदेशी” के आह्वान से हैंडलूम-हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में भारत की पुश्तैनी विरासत को प्रोत्साहन मिला और हुनर हाट के जरिये दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को शक्ति दी है।

प्रगति मैदान में 33वां “हुनर हाट” 14 से 27 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें 30 से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 550 से ज्यादा दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर शामिल हुए हैं। प्रगति मैदान के हॉल नंबर तीन में आयोजित इस “हुनर हाट” में 300 स्टाल लगाए हैं जो इस वर्ष आईआईटीएफ में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सबसे बड़ी भागीदारी है। दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार-स्वरोजगार के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए कैनरा बैंक द्वारा स्टाल भी लगाया गया है।

श्री नकवी ने कहा कि “हुनर हाट” के ई प्लेटफार्म एचटीटीपी://हुनरहाटडॉटओआरजी के साथ ही जीईएम पोर्टल पर आने से और बेहतर बाजार लिंकेज, नए डिजाइन, बेहतर पैकेजिंग, प्रशिक्षण एवं क्रेडिट लिंकेज से बड़े पैमाने पर दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों के लिए आर्थिक तरक्की के अवसर उपलब्ध हुए हैं। इसका नतीजा है कि पिछले छह वर्षों में “हुनर हाट” के माध्यम से 6 लाख 75 हजार से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराने में सफलता मिली है।

उन्होंने कहा कि- “हुनर हाट” में असम, बिहार, आंध्र प्रदेश, गुजरात, लद्दाख, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, नागालैंड, मेघालय, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, गोवा, पुडुचेर्री, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, चंडीगढ़, हरियाणा आदि के परंपरागत शानदार हस्तनिर्मित उत्पाद बिक्री एवं प्रदर्शनी के लिए उपलब्ध हैं। प्रगति मैदान में ओपेन ऑडिटोरियम में प्रतिदिन “हुनर हाट” द्वारा देश के जाने-माने कलाकारों के विभिन्न सांस्कृतिक, गीत-संगीत के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। “हुनर हाट” में सर्कस का भी प्रदर्शन होगा जहाँ लोग भारतीय सर्कस कलाकारों के शानदार पारम्परिक कौशल को देख सकेंगें।

इससे पहले “हुनर हाट” का आयोजन दिल्ली, मुंबई, प्रयागराज, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुड्डुचेरी, भोपाल, इंदौर, रांची, मैसूर, पणजी, देहरादून, वृंदावन और रामपुर आदि स्थानों पर किया जा चुका है। आने वाले दिनों में “हुनर हाट” का आयोजन 26 नवम्बर से 05 दिसंबर तक हैदराबाद; 10 दिसंबर से 19 दिसंबर तक सूरत एवं 22 दिसंबर 2021 से 02 जनवरी 2022 तक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में होगा। इसके अलावा इसका आयोजन मैसुरु, गुवाहाटी, पुणे, अहमदाबाद, भोपाल, पटना, पुड्डुचेरी, मुंबई, जम्मू, चेन्नई, चंडीगढ़, आगरा, प्रयागराज, गोवा, जयपुर, बेंगलुरु, कोटा, सिक्किम, श्रीनगर, लेह, शिलांग, रांची, अगरतला एवं अन्य स्थानों भी पर होगा।