नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा है कि एमबीबीएस और इसके समकक्ष विभिन्न चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए 12 सितंबर को आयोजित ‘नीट-यूजी’ परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और बी. आर. गवई की पीठ ने परीक्षा रद्द करने की मांग करने वाली रिट याचिका को महत्वहीन बताते हुए इसे खारिज कर दिया गया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि परीक्षा में कदाचार से संबंधित सिर्फ पांच प्राथमिकी दर्ज किए जाने के कारण हम उस परीक्षा को रद्द करने का आदेश नहीं दे सकते, जिसमें करीब साढे सात लाख विद्यार्थी शामिल हुए थे। पीठ ने सुनवाई के शुरुआत में इस याचिका के महत्व पर सवाल खड़े किए। अदालत ने सुनवाई के शुरुआत में इस याचिका को गैर जरूरी करार देते हुए हुए पांच लाख रुपए जुर्माना करने का संकेत दिया था लेकिन बाद में कहा कि यह राशि उस वकील से वसूल की जानी चाहिए जिसने इस याचिका के लिए गलत सलाह दी थी।
याचिका में कहा गया था 12 सितंबर 2021 को आयोजित नीट की परीक्षा में धांधली की गई थी और इस मामले में पांच प्राथमिकियां दर्ज की गई है। इस मामले की जांच की जा रही है। याचिका में शीर्ष अदालत से गुहार लगाई गई थी की परीक्षा फिर से आयोजित की जाए जिसे अदालत ने सिरे से खारिज कर दिया।