सितंबर में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 3% बढ़ी: इक्रा

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नयी दिल्ली। कोरोना महामारी का प्रभाव लगभग समाप्त होने के बाद प्रतिबंधों में तेजी से दी जा रही ढील की बदौलत इस वर्ष सितंबर में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या तीन प्रतिशत तक बढ़कर 69 लाख हो गई है। शोध सलाह देने वाली कंपनी इक्रा की बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 2021 में घरेलू स्तर पर हवाई यात्रियों की संख्या तीन प्रतिशत तक बढ़कर 69 लाख तक हो गई है जबकि इसके पिछले महीने अगस्त में 67 लाख यात्रियों ने हवाई यात्रा की थी।
इसी तरह सितंबर में विमानन कंपनियों की उड़ान की क्षमता भी सितंबर 2020 की तुलना में लगभग 54 प्रतिशत की बढ़ाेतरी दर्ज की गई है और यह 39,628 से बढ़कर 61,100 हो गई है। इक्रा के उपाध्यक्ष सुप्रियो बनर्जी ने कहा कि इस वर्ष सितंबर में घरेलू स्तर पर करीब 2100 विमानों ने उड़ान भरी जबकि सितंबर 2020 में यह आंकड़ा करीब 1321 रहा। वहीं, अगस्त 2021 में संख्या 1900 से अधिक थी। हालांकि जनवरी 2021 में यह संख्या 2200 से कम रहे।
सितंबर 2021 के दौरान प्रति उड़ान यात्रियों की औसत संख्या 113 थी जबकि इसके पिछले महीने यह संख्या करीब 117 थी। हालांकि सितंबर में भी घरेलू हवाई यातायात में रिकवरी जारी रही। इस दौरान कॉरपोरेट यात्री श्रेणी से मांग में कमी बनी हुई है। कोरोना महामारी से पहले की तुलना में सितंबर में यात्री यातायात 38 प्रतिशत कम रही है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कोरोना की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन के दौरान इस वर्ष 01 जून से उड़ानों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की कमी कर दी थी। महामारी का प्रभाव कम होने के बाद 12 अगस्त से उड़ान क्षमता को 72.5 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था लेकिन अब 18 सितंबर से अगले आदेश तक क्षमता को बढ़ाकर 85 प्रतिशत तक करने की अनुमति दी गई है।
इसके अलावा 18 सितंबर से प्रभावी ढील के तहत मंत्रालय ने किराया कैप नियम में छूट दी, जिसके तहत प्रत्येक बैंड में किराया कैप रोलिंग आधार पर अगले केवल 15 दिनों तक लागू किया गया। इक्रा के विचार में त्योहारी सीजन की शुरुआत को देखते हुए उड़ान क्षमता को 85 प्रतिशत के स्तर तक बढ़ाना सही दिशा में एक कदम है। इसके अलावा किराया कैप रोल ओवर अवधि को 30 दिनों से घटाकर 15 दिनों तक करना बाजार संचालित मूल्य निर्धारण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हालांकि अंतर्राष्ट्रीय विमानन सेवा को 31 अक्टूबर तक और निलंबित कर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए पिछले वर्ष 07 मई से शुरू हुए वंदे भारत मिशन (वीबीएम) के तहत भारतीय विमानों के लिए अंतर्राष्ट्रीय यात्री यातायात 07 मई से 30 सितंबर की अवधि के लिए 46 लाख रही। सितंबर में वीबीएम के तहत भारतीय विमानों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात 30 प्रतिशत की क्रमिक वृद्धि के साथ चार लाख रहने का अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां तक विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमतों का सवाल है तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होने से अक्टूबर 2021 तक सालाना आधार पर 78.6 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई है। यह विमान बेड़े की कम क्षमता के उपयोग के साथ-साथ वित्त वर्ष 2022 में भारतीय विमानन कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन पर असर डालता रहेगा।