साकीनाका दुष्कर्म मामले में पुलिस को मिले सबूत

राष्ट्रीय

मुंबई। महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस ने दावा किया है कि गत नौ सितंबर की देर रात अंधेरी के साकीनागा इलाके में खड़े टैम्पो में महिला के साथ दुष्कर्म और हत्या के संबंध में उन्हें पुख्ता सबूत मिले हैं। अंधेरी पूर्व पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। गत नौ सितंबर की देर रात साकीनागा में एक 32 वर्षीय महिला के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमने अपराध होने के 18 दिनों के भीतर 346 पृष्ठ की एक आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें 77 गवाहों ने अपराध की क्रूरता पर अपने बयान दिए हैं। गौरतलब है कि दिंडोशी सत्र अदालत में दायर आरोप पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि पीड़िता और आरोपी मोहन चौहान (45) एक-दूसरे को भली-भांति जानते थे।
पुलिस ने कहा है, “पीड़िता अपने किए कुछ वादे को पूरा नहीं कर सकी, जिससे आरोपी ने गुस्से में तिलमिला गया। उसने पीड़िता से कई बार संपर्क साधने का प्रयास किया, लेकिन पीड़िता ने उससे मिलने से इंकार कर दिया। जब 25 दिनाें के बाद उसने आखिरकार उसे देखा, तो उसने अपना आपा खो दिया और पीड़िता पर रॉड से हमला किया।” पुलिस ने कहा कि आरोपपत्र में आरोपी के खिलाफ सभी सबूतों का जिक्र है, जिससे उसके खिलाफ दुष्कर्म और हत्या को पुख्ता मामला बनता है।
उन्हें घटना की सूचना एक आवासीय परिसर के वॉचमैन से मिली थी, जिसने तड़के 10 सितंबर को पीड़िता की चीख-पुकार सुनकर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया था। पुलिस मौके पर दस मिनट के भीतर पहुंच गई थी और वहां जाकर उन्हें पीड़ता एक खड़ी टेम्पो में मिली। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। घटना के 33 घंटे बाद हालांकि उसने दम तोड़ दिया था। बाद में आरोपी को कुर्ला से पकड़ा था।
पुलिस ने पीड़ता के साथ हुई बर्बरता का भी जिक्र किया है और यह भी दावा किया है कि आरोपी चौहान ने गुस्से में तिलमिलाकर यह कदम उठाया है। इस बारे में उसकी पहले से कोई योजना नहीं थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 376 (दुष्कर्म), 323 (जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर किसी का अपमान करना), 34 सहित अनुसूचित जाति और जनजाति पर अत्याचार की रोकथाम की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।