लखनऊ। लखीमपुर की घटना के बाद उत्तर प्रदेश में आये सियासी उबाल के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिंसाग्रस्त जिले जाने से रोक दिया गया जिसके विरोध में सपा मुखिया अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गये। उधर, सपा के सैकड़ों समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक और धक्कामुक्की हुयी। इस बीच गौतमपल्ली थाने के पास कुछ अराजक तत्वों ने एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया।
पार्टी महासचिव प्रो रामगोपाल यादव और सैकड़ों समर्थकों के साथ धरने पर बैठे श्री यादव ने कहा कि लखीमपुर में निर्दोष किसानो की हत्या के लिये केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र और सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य जिम्मेदार है, इसलिये उन्हे तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिये।
उन्होने मृतक किसानों के परिजनों को दो करोड़ रूपये मुआवजा देने की भी मांग की। श्री यादव ने कहा कि लखीमपुर की घटना सरकार की अतिवादिता की पराकाष्ठा है। सरकार हिटलरशाही रवैया अपना कर लोकतंत्र को कुचलना चाहती है। कोई भी अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि उन्हे लखीमपुर जाने से क्यों रोका जा रहा है।
लोकतंत्र में हर नेता को आम आदमी और किसान के दुखदर्द साझा करने का अधिकार है और ऐसा करने से उन्हे रोका जा रहा है। उनके आवास के बाहर ईट लदा एक ट्रक खड़ा कर दिया। उन्हे आवास से बाहर निकलने से रोकने के लिये बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती की गयी। उन्होने कहा कि सरकार के रवैये के खिलाफ उनकी पार्टी पुरजोर विरोध करेगी। सरकार पुलिस के दम पर आम जनता की आवाज को दबा नहीं सकती। सरकार को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा।