संसदीय सीट, 3 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव का बजा चुनावी बिगुल

मध्यप्रदेश

भोपाल। मध्यप्रदेश में खंडवा संसदीय सीट और तीन विधानसभा क्षेत्रों जोबट, रैगांव और पृथ्वीपुर में आज उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही इन क्षेत्रों में चुनावी गतिविधियां औपचारिक तौर जोर पकड़ने लगी हैं। उपचुनाव कार्यक्रम जारी होने ही संबंधित जिलों में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गयी है। उपचुनावों के लिए अधिसूचना 01 अक्टूबर को जारी होने के साथ प्रत्याशियों द्वारा परचे दाखिले का कार्य प्रारंभ हो जाएगा, जो 13 अक्टूबर तक चलेगा।
इसके बाद मतदान 30 अक्टूबर को होगा और 02 नवंबर को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे। खंडवा संसदीय सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के कारण रिक्त हुयी है, जबकि अलीराजपुर जिले की जोबट (अजजा) विधानसभा सीट पर कांग्रेस विधायक सुश्री कलावती भूरिया के निधन के कारण यह नौबत आयी है।
सतना जिले की रैगांव (अजा) विधानसभा सीट से भाजपा नेता जुगलकिशोर बागरी और निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन के कारण ये दोनों स्थान रिक्त हुए हैं। खंडवा संसदीय क्षेत्र में भाजपा अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए पूरी कोशिश करेगी, जबकि कांग्रेस अपने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के रूप में भाजपा को चुनौती दे सकती है। हालाकि अब तक दोनों ही दलों की ओर से प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं।
इसी तरह राज्य में सत्तारूढ़ दल भाजपा आदिवासी बहुल जोबट के अलावा रैगांव और पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्रों में अपनी तैयारियां काफी पहले ही शुरू कर चुकी है। पिछले दिनों दमोह विधानसभा चुनाव में पराजय झेल चुकी सत्तारूढ़ दल भाजपा इस बार कोई भी कदम फूंक फूंक कर रखते हुए नजर आ रही है। भाजपा के समक्ष रैगांव पर कब्जा बरकरार रखने और जोबट तथा पृथ्वीपुर कांग्रेस से छीनने की चुनौती है, तो मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस दमोह की ही तरह चारों उपचुनाव में अपना परचम लहराने की पुरजोर कोशिश करेगी। प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने यूनीवार्ता से चर्चा में दावा किया कि पार्टी चारों सीटों पर विजय हासिल करेगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी की इन उपचुनावों को लेकर तैयारियां पहले ही प्रारंभ हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी क्षेत्रों में प्रवास कर चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी प्रवास के साथ ही संगठनात्मक बैठकें कर चुके हैं। क्षेत्र में संबंधित समितियां भी गठित की जा चुकी हैं। श्री पाराशर ने यह भी कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मैदान में नजर नहीं आ रहे हैं और वे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मैदान में छोड़ चुके हैं।
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने यूनीवार्ता से चर्चा के दौरान उपचुनाव की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि पार्टी उपचुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इन चारों उपचुनावों में जनता एक बार फिर दमोह की ही तरह सत्तारूढ़ दल भाजपा को सबक सिखाएगी। श्री गुप्ता ने कहा कि पार्टी वरिष्ठ नेता कमलनाथ की अगुवायी में उपचुनाव लड़कर एक बार फिर भाजपा को सबक सिखाने तैयार है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार के ‘कुप्रबंधन’ के कारण हमें नेताओं को भी गंवाना पड़ा और इस वजह से उपचुनाव की नौबत आयी है। उपचुनाव में कमलनाथ की 15 माह की तत्कालीन सरकार की उपलब्धियों और मौजूदा सरकार की ‘नाकामियों’ को भी उठाया जाएगा।