कोलम्बो। 21 नवंबर से तीन दिसंबर तक चलने वाली वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ घर में श्रीलंका की आगामी दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ के बाद श्रीलंका के कोच मिकी आर्थर क्रिकेट प्रमुख के रूप में डर्बीशायर सीसीसी में शामिल होंगे। श्रीलंका क्रिकेट के साथ उनका अनुबंध वैसे भी वेस्टइंडीज़ सीरीज़ के अंत में समाप्त होने वाला था जबकि आर्थर ने बार-बार इस प्रवास को बढ़ाने की तीव्र इच्छा व्यक्त की थी, माना जा रहा है कि श्रीलंका क्रिकेट ने उन्हें जवाब नहीं दिया। वेतन को लेकर कोई असहमति नहीं है और अगर श्रीलंका क्रिकेट ने उन्हें पहले की तरह ही पैकेज की पेशकश की होती तो आर्थर रुक सकते थे। आर्थर का जाना श्रीलंका के लिए एक बड़े झटके की तरह हो सकता है, पुरुषों की राष्ट्रीय टीम से जुड़े अन्य कोचों को अपनी भूमिकाओं के लिए फ़िर से आवेदन करने की ज़रूरत है।
माना जा रहा है कि बल्लेबाज़ी कोच ग्रांट फ्लावर, गेंदबाज़ी कोच चामिंडा वास और क्षेत्ररक्षण कोच शेन मैकडरमोट सभी अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं। इसका मतलब यह भी है कि श्रीलंका क्रिकेट ने अब तक दस वर्षों के अंतराल में सात मुख्य कोच नियुक्त किए हैं, जिसमें ज्यॉफ़ मार्श, ग्राहम फ़ोर्ड (दो अलग-अलग कार्यकालों में), पॉल फ़ारब्रेस, मार्वन अटापट्टू, चंडिका हथुरुसिंघा और अब आर्थर ने 2012 से भूमिका निभाई है। आर्थर ने कम से कम अपना अनुबंध तो पूरा किया; मार्श, फ़ारब्रेस, फ़ोर्ड (अपने दूसरे कार्यकाल में), अटापट्टू और हाथुरुसिंघा तो पूरा ही नहीं कर पाए। आर्थर एक जानेमाने कोच रहे हैं, जिन्होंने श्रीलंका के अलावा ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ़्रीका और पाकिस्तान की राष्ट्रीय पुरुष टीमों के साथ काम किया है, डर्बीशायर में वह डेव ह्यूटन की जगह लेंगे, ज़िम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ह्यूटन ने इस साल की शुरुआत में क्लब छोड़ दिया था। वह अब ज़िम्बाब्वे क्रिकेट के साथ कोचिंग मैनेजर का पद संभालेंगे।