राजस्थान चुनाव: 13 नवंबर के बाद वसुंधरा राजे का प्रभाव राजस्थान में क्या होगा?

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भाजपा के वरिष्ठ नेता फिलहाल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रचार अभियान में व्यस्त हैं। दीपावली के बाद हर नेता राजस्थान पर ध्यान देगा। छत्तीसगढ़ में पहली बार मतदान हुआ है। 17 नवंबर को दूसरी बार चुनाव होना है। यही कारण है कि संघ और भाजपा के नेताओं ने दीपावली के बाद 13 नवंबर को जयपुर जाने का कार्यक्रम बनाया है।

राजस्थान में वसुंधरा राजे पिछले पांच साल से भाजपा के फ्रंटफुट कैनवास से बाहर हैं, लेकिन उनके निकट संपर्क वाले लोगों का कहना है कि 13 नवंबर के बाद वह फिर से भाजपा का प्रमुख चेहरा बन सकती हैं। वसुंधरा राजे को भाजपा के लिए क्यों चाहिए? भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं होगा। अमर उजाला से अग्रवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि वसुंधरा के नेतृत्व में 2018 का चुनाव हार गया था। यही कारण है कि भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है और चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा अपने अधिकारों को बरकरार रखना चाहिए। इसलिए राजस्थान विधानसभा चुनाव देश के सबसे लोकप्रिय नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, के चेहरे, विचारों और सरकार की कार्यवाही पर होगा।

गांधी ने कहा कि भाजपा राजस्थान में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है। गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करती है जब सब कुछ स्पष्ट है। यदि ऐसा नहीं है, सामूहिक नेतृत्व में चुनाव होता है। अग्रवाल को उम्मीद है कि भाजपा राजस्थान में जबरदस्त बहुमत से सरकार बनाएगी। अब दीन दयाल उपाध्याय भाजपा मुख्यालय की ओर चलते हैं।