रंगमंच को संरक्षित करने और लोकप्रिय बनाने की जरूरत: वेंकैया

राष्ट्रीय

हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने लोगों से शुक्रवार को नाटकों और रंगमंच के पुनरुद्धार तथा उन्हें सिनेमा जैसा लोकप्रिय बनाने का आह्वान किया। श्री नायडू ने कहा कि यह देखते हुए कि मंच समाज में होने वाली घटनाओं का आईना है, लोगों को इसका संरक्षण करना चाहिए और इसे बढ़ावा देना चाहिए। दहेज जैसी सामाजिक बुराई पर सामाजिक जागरूकता लाने में रंगमंच द्वारा निभायी गयी ऐतिहासिक भूमिका का उल्लेख करते हुए श्री नायडू ने कहा कि इसमें अब भी समाज में कई भेदभावपूर्ण प्रथाओं को खत्म करने की क्षमता है और सुझाव दिया कि इसे सामाजिक परिवर्तन के एजेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

उप राष्ट्रपति ने यहां आयोजित नाटक साहित्योत्सवम में ‘तेलुगू प्रसिद्धा नाटकलु’ नामक लोकप्रिय तेलुगु नाटकों वाली एक पुस्तक के छह खंडों के विमोचन के बाद उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि नाटक और लोक कलाकार स्वच्छ भारत जैसे आंदोलनों को लोगों के करीब लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दर्शकों, विशेषकर युवा पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए रंगमंच कला को नये सिरे से तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने लोगों के बीच राजनीतिक और सामाजिक चेतना लाने में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नाटकों द्वारा निभायी गयी प्रमुख भूमिका को याद किया।

उपराष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि थिएटर को बढ़ावा देने के लिए सरकारी संरक्षण के अलावा, निजी संगठनों, नागरिक समाज और विशेष रूप से निजी टीवी चैनलों को आगे आना चाहिए। उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों से बच्चों को विभिन्न कला रूपों से परिचित कराने और उन्हें अपने पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में इन गतिविधियों को करने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। श्री नायडू ने कहा, “इससे ​​बच्चों में सामाजिक जागरूकता आएगी और उनमें नेतृत्व के गुण पैदा होंगे।”