नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश में जैविक कृषि किये पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि इससे न केवल लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा बल्कि किसानों को भी उनके उत्पाद का भरपूर लाभ मिल सकेगा।
श्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश के सभी 55 लाख से अधिक पात्र लोगों को कोविड टीके का पहला डोज लगाये जाने का कार्य पूरे किये जाने के बाद इसके उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सम्बोधित करते हुए कहा कि इस राज्य को अगले 25 साल में रसायन मुक्त हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल में सामर्थ्य है और उन्हें यहां के युवाओं पर पूरा विश्वास है। जिस प्रकार से यहां के युवाओं ने देश की सीमाओं की सुरक्षा की है उसी प्रकार से वे यहां की मिट्टी की सुरक्षा भी करेंगे और इसमें किसान अग्रणी भूमिका निभायेंगे ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल को एक लाख करोड़ रुपये के कृषि आधारभूत संरचना कोष का पूरा लाभ उठाना चाहिये और इसकी मदद से कोल्ड स्टोरेज तथा खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना कर स्थानीय उत्पाद का भरपूर लाभ लेना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार आधुनिक सम्पर्क साधनों के विस्तार पर जोर दे रही है तथा सड़क , रेल , हवाई और इंटरनेट सेवाओं के विस्तार को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे पर्यटन के साथ-साथ किसानों, शिक्षा और स्वस्थ्य क्षेत्र को भारी लाभ हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ड्रोन तकनीक के नियम को आसान बनाया है जिससे हिमाचल में कृषि क्षेत्र के नयी संभावनाओं का विस्तार हो सकता है। घरों तक दवाओं को आसानी से पहुंचाने के साथ ही बाग बगीचों और जमीन के सर्वेक्षण में फायदा हो रहा है। ड्रोन तकनीक के उपयोग से पर्वतीय क्षेत्र का जीवन आसान हो सकता है और वन क्षेत्र की सुरक्षा भी की जा सकती है ।