महंत नरेन्द्र की मौत की सीबीआई ने कमान संभाली

प्रयागराज

प्रयागराज। अखिल भारीतय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की संदेहास्पद परिस्थितियों में हुयी मौत की जांच के लिए राज्य सरकार की सिफारिश के बाद केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पांच सदस्यीय टीम प्रयागराज पहुंच गई है।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार की सीबीआई की सिफारिश को स्वीकृति प्रदान कर दी है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने जांच से संबंधित पत्र गुरूवार को एक नोटिफिकेशन के तहत जारी कर दी। इस आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी में जांच का जिम्मा संभाल लिया। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पांच सदस्यीय टीम प्रयागराज पहुंच चुकी है। सीबीआई इस मामले में जांच कर रही 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के अधिकारियों से जानकारी जुटा रही है।
मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम सीबीआई को महंत की मौत से संबधित एफआईआर, केस डायरी और अब तक जुटाए गए साक्ष्य सौंपे जाएंगे। सीबीआई के यहां पहुंचने की हालांकि कोई भी अधिकारी पुष्टि करने को तैयार नहीं है। पुलिस अधिकारियों की गुरूवार से ही बैंठके जारी हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की संदेहास्पद परिस्थितियों में हुयी मृत्यु के मामले की जांच संतों की मांग पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की बुधवार को सिफारिश की थी।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और प्रसिद्ध बाघम्बरी पीठ के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि का शव सोमवार को उनके कमरे में मिला था। पुलिस को सूचना देने से पहले मठ के सेवादारों ने शव को फंदे से उतार लिया था और पुलिस के पहुंचने से पहले वहां अनुयायियों की भीड़ एकत्र हो चुकी थी। शव के पास पुलिस को 12 पन्ने का सुसाइड नोट मिला था, जिसके अनुसार महंत ने आत्महत्या की थी। मुख्यमंत्री ने महंत नरेन्द्र गिरि की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुये पूरे मामले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया था।
मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचकर महंत नरेन्द्र गिरि की पार्थिव देह का अंतिम दर्शन करने के बाद इस केस का शीघ्र राजफाश करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने सभी से दो-टूक कहा था कि इस गंभीर प्रकरण को लेकर कोई भी बे-सिर पैर की बात नहीं करेगा। महंत गिरि के पास मिले सुसाइड नोट में लिखा था “ आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उनके पुत्र संदीप तिवारी ने मिलकर मेरे साथ विश्वासघात किया।
प्रयागराज के सभी पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध करता हूं। मेरे आत्महत्या के जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। ” इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों आनंद गिरी, अद्या तिवारी और उसके पुत्र सदीप तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेन्ट्रल जेल भेज दिया था।