नयी दिल्ली। फलों का राजा आम के रसास्वादन के लिए इसे जबरन हर साल फलाने को लेकर अत्यधिक पैक्लोब्यूट्राजाल रसायन का उपयोग किये जाने के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं और इससे कारण पेड़ों की सूखने की घटना ने किसानों की चिन्ता बढा दी है। आम के बाग खरीदने वाले ठेकेदार हर साल आम फलाने के लालच में अनजाने में अनुचित समय पर इस रसायन का प्रयोग कर रहे हैं।
इस रसायन को अक्टूबर के पहले सप्ताह में प्रयोग किया जाना चाहिए परन्तु कुछ लोग अगस्त में ही पैक्लोब्यूट्राजाल डाल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप ठंड के महीनों में ही बौर आने लगते हैं।केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ को बाग मालिकों से शिकायतें मिल रही हैं कि उनके बाग के ठेकेदार बिना उनकी जानकारी के अत्यधिक पैक्लोब्यूट्राजाल का उपयोग कर रहे हैं, जिससे पौधों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है।
वे चिंतित हैं कि आम के बाग की आयु भी कम हो सकती है। वे प्रमाणिक आधार पर जानना चाहते हैं कि ठेकेदार ने अत्यधिक मात्रा में रसायन का इस्तेमाल किया या नहीं। ठेकेदार अधिक से अधिक लाभ कमाने में रुचि रखता है क्योंकि वे परंपरागत रूप से दो से तीन साल के लिए बाग को पट्टे पर लेते हैं और अधिक पैक्लोब्यूट्राजाल प्रयोग करने में भी परहेज नहीं करते हैं।