नरेन्द्र गिरी मामले में आरोपियों की न्यायिक हिरासत 18 तक

प्रयागराज

प्रयागराज। श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में आरोपी बनाए गये आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे की न्यायिक हिरासत 18 अक्टूबर तक बढा दी गयी है। मामले की जांच कर रही केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 28 सितम्बर को मुख्य न्यायिक अधिकारी (सीजेएम) हरेन्द्र नाथ की अदालत में अर्जी देकर पूछताछ के लिए 15 के लिए रिमांड की मांग की थी लेकिन नैनी सेन्ट्रल जेल में बंद तीनों आरोपियों की अदालत ने 29 सितंबर को सीबीआई की सात दिन की रिमांड कस्टडी सुबह नौ बजे से चार अक्टूबर शाम पांच बजे तक मंजूर किया था।
रिमांड अवधि पूरी होने के बाद तीनों आराेपियों को सीबीआई ने नैनी सेन्ट्रल जेल अधिकारियों के सुपुर्द किया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि के मामले को लेकर सीबीआई ने मंगलवार को तीनो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रहने की सीजेएम की अदालत में अर्जी दी थी। अदालत ने सीबीआई की अर्जी पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए न्यायिक हिरासत की अवधि 18 अक्टूबर तक बढ़ाने की मंजूरी दी।
अदालत ने कहा कि कागजातों को देखते हुए न्यायिक अभिरक्षा की अवधि स्वीकार करने का पर्याप्त आधार हैं। आनंद गिरी के अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि सीबीआई ने अपनी अर्जी में लिखा है कि विवेचना प्रारंभिक स्तर पर है, इसलिए तीनों आरोपियों की न्यायिक अभिरक्षा की अवधि बढ़ाई जाए। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक आनंद गिरि पुलिस कस्टड़ी में थे और अब न्यायिक अभिरक्षा में आए हैं।
सीबीआई की 14 दिन की और अभिरक्षा में उन्हे रखने की अर्जी स्वीकार कर ली गयी है। उन्होने बताया कि सीबीआई ने न्यायिक अभिरक्षा बढ़ाने के लिए बहुत सी चीजों की जांच होना बाकी है को आधार बनाया है। उन्होने बताया कि जैसे लैपटाप, सुसाइड नोट, पोस्टमार्टम में एक्सपर्ट ओपिनियन आनी बाकी है तथा और गवाहों के बयान लेने है।