कोयंबटूर। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की एक महिला अधिकारी के साथ फ्लाइट लेफ्टिनेंट द्वारा दुष्कर्म किए जाने के मामले को कोयंबटूर में अतिरिक्त महिला अदालत ने कोर्ट मार्शल कार्यवाही के लिए मामला आईएएफ को सौंप दिया है। महिला न्यायालय के प्रभारी न्यायाधीश एन. थिलागेश्वरी ने भारतीय वायु सेना अधिनियम 1950 के तहत निर्देश दिया कि मामले को कोयंबटूर सिटी पुलिस से आईएएफ को स्थानांतरित किया जाए।
उन्होंने कहा कि आरोपी और पीड़िता दोनों ही अभी वायु सेना में कार्यरत हैं और कथित मामला कोयंबटूर में स्थित एयर फोर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कॉलेज के परिसर में हुआ है, इन दोनों बातों पर गौर फरमाते हुए न्यायाधीश ने पाया कि सिर्फ आईएएफ ही मामले पर आगे की कानूनी कार्यवाही को आगे बढ़ा सकता है।
इससे पहले आरोपी फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमितेश हरमुख (29) को न्यायाधीश द्वारा मामले को आईएएफ को सौंपे जाने का निर्देश देने के वक्त कोर्ट के सामने पेश किया गया। गौरतलब है कि महिला आईएएफ अधिकारी के शिकायत दर्ज किए जाने के बाद गत रविवार को अमितेश की गिरफ्तारी हुई थी।
पुलिस के मुताबिक, यह घटना 10 सितंबर की सुबह के वक्त एएफएसी के कोयंबटूर परिसर में हुई है, जहां दोनों एक ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेने के लिए पहुंचे हुए थे। पुलिस में 20 सितम्बर को दर्ज प्राथमिकी में महिला अधिकारी ने आरोप लगाया है कि 10 सितम्बर को एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट जबरदस्ती उनके कमरे में घुस आया और नशे की हालत में आरोपी ने उनके साथ दुष्कर्म किया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कमांडेंट और सीनियर अफसरों ने उन पर शिकायत वापस ले लेने का दबाव बनाया और दुष्कर्म का पता लगाने के लिए वायु सेना अस्पताल में उनका टू-फिंगर टेस्ट किया गया, जिस पर बैन लगा हुआ है। इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी महिला अधिकारी का टू-फिंगर टेस्ट करवाए जाने के लिए वायु सेना की निंदा की। महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने अपने पत्र में वायु सेना प्रमुख से अपील की है कि वह इस दिशा में उचित कदम उठाएं और यह भी सुनिश्चित करें कि उनके यहां की मेडिकल टीम सरकार द्वारा लागू किए गए दिशा-निर्देशों के बारे में जागरूक हो।