नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने चेन्नई स्थित दो निजी सिंडीकेट फाइनेंसिंग समूहों पर गत 22 सितंबर को छापेमारी की थी जिसमें 300 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का पता चला है और नौ करोड़ रुपये जब्त किये जा चुके हैं। विभाग ने आज यहां बताया कि यह छापेमारी अभियान चेन्नई स्थित 35 परिसरों में चलाया गया।
इन तलाशियों के परिणाम स्वरूप अभी तक 300 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाबी आय के रूप में सामने आया है। अभी तक नौ करोड़ रुपए की बेहिसाबी नकदी जब्त की गई है। जांच जारी है। इन फाइनेंसरों तथा उनके सहयोगियों के परिसरों में प्राप्त साक्ष्य से पता चला कि इन समूहों ने तमिलनाडु में विभिन्न बड़े कॉरपोरेट घरानों तथा कंपनियों को ऋण दिया है, जिसका बड़ा हिस्सा नकदी में है। तलाशी के दौरान पता चला कि वे ब्याज की ऊंची दर वसूल रहे हैं।
जिसके एक हिस्से पर कर नहीं अदा किया जाता। समूहों द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली से पता चला कि उधारकर्ताओं द्वारा अधिकांश ब्याज भुगतान जाली बैंक खातों में जमा किए जाते हैं और कर प्रयोजनों के लिए उनका खुलासा नहीं किया जाता।
इसके अतिरिक्त, बेहिसाबी धन छद्म रूप में होते हैं और समूहों के बही-खाते में उन्हें असुरक्षित ऋण, विभिन्न ऋणदाताओं आदि के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।