टीबी के उन्मूलन के लिये धन की कमी नहीं: डाॅ. पवार

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नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने वर्ष 2025 तक क्षयरोग (टीबी) का उन्मूलन करने की सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा है कि इसके लिए धन और पोषण सहयोग की कमी नहीं होने दी जायेगी। डाॅ. पवार ने बुधवार को यहां वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन की रणनीतियों पर विचार-मंथन सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने टीबी उन्मूलन करने की सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद आणविक निदान और उपचार तक पहुंच बढ़ाने में कामयाबी मिली है।

टीबी रोगियों को वित्तीय और पोषण संबंधी सहायता बेरोकटोक जारी रही है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के प्रयासों से समय-समय पर निदान, उपचार पालन और परिणामों में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। उचित निदान और शीघ्र उपचार टीबी उन्मूलन की कुंजी है। यह कार्यक्रम देश में सार्वभौमिक टीबी देखभाल और निवारक सेवाओं में तेजी लाने की दिशा में काम कर रहा है। टीबी को समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना में “रोकथाम” के तहत टीबी निवारक उपचार को प्राथमिकता दी गई है।

टीबी निवारक उपचार को बढ़ाना और साथ ही रोगियों के करीब सेवाओं को लाने के लिए इसका विकेंद्रीकरण करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि टीबी के उन्मूलन के लिये सरकार धन और पोषण सहयोग में कमी नहीं आने देगी। संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी लक्ष्यों से पांच साल पहले वर्ष 2025 तक भारत में टीबी को खत्म करने की सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए डॉ. पवार ने कहा, “देश में टीबी को समाप्त करने की समय सीमा से पहले हमारे पास केवल 37 महीने हैं। हमें तेज गति से काम करने और कोरोना महामारी के कारण होने वाली असफलताओं को दूर करने तथा आगे बढ़ने के लिए नवीन समाधानों को अपनाने की आवश्यकता है।”