नयी दिल्ली। देश में गर्भनिरोधकों का प्रयोग बढ़ रहा है और महिला प्रजनन दर में गिरावट दर्ज की जा रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पंचम में यह दावा करते हुए कहा गया है कि देश में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) राष्ट्रीय स्तर पर प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है।सर्वेक्षण में शामिल सभी 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महिला प्रजनन दर 1.4 से लेकर 2.4 दर्ज की गयी है। चंडीगढ़ में महिला प्रजनन दर 1.4 और उत्तर प्रदेश में 2.4 है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों में महिला प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से कम है।
सर्वेक्षण के अनुसार समग्र गर्भनिरोधक प्रयोग दर (सीपीआर) अखिल भारतीय स्तर पर 54 प्रतिशत से 67 प्रतिशत तक बढ़ गई है। लगभग सभी राज्यों और केंद्र प्रशासित प्रदेशों में गर्भ निरोधकों के आधुनिक तरीकों का उपयोग भी बढ़ा है। नीति आयोग के सदस्य-स्वास्थ्य डॉ वी के पाल और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को यहां राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पंचम के दूसरे चरण के अंतर्गत जनसंख्या, प्रजनन और बाल स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पोषण और अन्य पर प्रमुख संकेतकों की ‘फैक्टशीट’ जारी की।
इस सर्वेक्षण में 14 राज्यों अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पुड्डुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल किये गये हैं। पहले चरण में शामिल 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंध में सर्वेक्षण के निष्कर्ष दिसंबर, 2020 में जारी किए गए थे। सर्वेक्षण में देश के 707 जिलों के लगभग 6.1 लाख परिवारों को शामिल किया गया है। जिला स्तर तक अलग-अलग अनुमान लगाने के लिए सात लाख 24 हजार 115 महिलाओं और 10 लाख एक हजार 839 पुरुषों को शामिल किया गया।