कोयंबटूर। तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन.रवि ने सोमवार को कहा कि भारत में खाद्यान्नों का उत्पादन जरूरत से अधिक है, लेकिन इसका लाभ उन किसानों तक नहीं पहुंच पाया हैं जो सीमांत और आजीविका कृषि पर आधारित है। यहां तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के 42वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही अजीब सी प्रतीत होने वाली स्थिति है कि देश में फसलों का उत्पादन ताे काफी अधिक हो रहा है, लेकिन अभी भी अधिकतर किसान गरीबी में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।
इसकी वजह असंगत कृषि नीतियां हैं। इनसें बड़े किसानों को तो फायदा पहुंचा है, लेकिन अधिकतर छोटे या मध्यम स्तर के किसानों को इसका ज्यादा लाभ नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने और किसानों के समग्र कल्याण के मिशन पर हैं। इस दिशा में कई पहल की गई हैं जैसे कि जन धन योजना, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और कृषि उत्पादों के लिए एमएसपी को बढ़ाना इत्यादि। श्री रवि ने कहा, ”मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उद्देश्य उत्पादकता को बढ़ाना और किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाना है।”
उन्होंने कहा कि देश के कृषि वैज्ञानिकों ने खाद्यान्नों के उत्पादन को जरूरत से अधिक बढ़ाकर भारत का नाम गौरवान्वित किया है, लेकिन अब कृषि को और समावेशी, प्रतिस्पर्धी तथा विविधीकृत किया जाना एक बड़ी चुनौती है। रवि ने बताया, ”आज हमारे देश के लगभग हर राज्य में कृषि विश्वविद्यालय है। उम्मीद है कि इनमें से प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने संबंधित राज्य के किसानों की अधिक से अधिक मदद कर पाने में सक्षम हो, ताकि राज्य को कृषि संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिल सके और किसानों में भी कृषि से जुड़ी तकनीकियों की अच्छी समझ पैदा हो।”