नयी दिल्ली। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज कहा कि विशेषकर छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ किये जाने को लेकर अनेक नीतिगत बदलावों को कार्यरुप दिया जा रहा है। श्री सिंह ने सहकारिता क्षेत्र की दिग्गज कम्पनी अमूल का “शहद अमूल” जारी किये जाने के अवसर पर कहा कि छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखकर यह बदलाव किया जा रहा है।
देश में 86 प्रतिशत से अधिक छोटे किसान हैं और इसी को ध्यान में रखकर सहकारिता क्षेत्र को भी मजबूत किया जा रहा है । शहद के बेहतर विपणन व्यवस्था होने से किसानों को इसका अच्छा मूल्य मिल सकेगा। शहद की गुणवत्ता में सुधार और ब्रांडिंग होने से निर्यात में वृद्धि होगी और विदेशी मुद्र भंडार में कृषि क्षेत्र का योगदान बढेगा।
पशुपालन मंत्री परषोत्तम रुपाला ने कहा कि शहद के साथ सहायक उत्पादों का विपणन भी अमूल के माध्यम से किये जाने से छोटे किसानों को इसका लाभ मिलेगा। इस अवसर पर कृषि सचिव संजय अग्रवाल और अतिरिक्त सचिव अभिलक्ष लिखी भी उपस्थित थे। देश अब हरित क्रांति और श्वेत क्रांति के बाद मीठी क्रांति की ओर बढ रहा है।
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के लिए 2020 .. 2023 तक के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं । देश में शहद उत्पादन वर्ष 2013..14 के 76150 टन से वर्ष 2020..21 में बढकर 125000 टन पहुंच गया है । इन वर्षो के दौरान शहद निर्यात 28378.42 टन से बढकर 59999 टन हो गया है।
देश में शहद उत्पादक किसानों के 100 किसान उत्पादक समूह का गठन किया गया है । नेफेड के 14 केन्द्रों पर इसकी बिक्री की जा रही है । गुजरात में एक अत्याधुनिक शहद परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया गया है। इसके अलावा दिल्ली और बेंगलूरु में शहद परीक्षण प्रयोगशालायें स्थापित किये जाने का कार्य प्रगति पर है। कुल 16 राज्यों में एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केन्द्र प्रारंभ किये गये हैं। मधुमक्खी पालन को डेयरी सहकारी समितियों से जोड़ने की संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है ।